अनिल अंबानी की कंपनी ने ठोका Adani पर 13,400 करोड़ का मुकदमा! जानिए पूरा मामला

अनिल अंबानी और गौतम अडानी में ठनी
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Anil ambani
देश के शीर्ष उद्योगपति गौतम अडानी और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (R-Infra) कंपनी के मालिक अनिल अंबानी के बीच विवाद खड़ा हो गया है। विवाद की वजह मुंबई बिजली-वितरण कारोबार को बेचने के सौदे में शर्तों के कथित रूप से उल्लंघन है। अडानी ग्रुप ने साल 2017 में 18,800 करोड़ रुपये की डील के तहत रिलायंस इंफ्रा (तत्कालीन रिलायंस एनर्जी) के मुंबई बिजली कारोबार का अधिग्रहण कर लिया था। इसमें उत्पादन, वितरण और ट्रांसमिशन भी शामिल था। अपने दावे में रिलायंस ने दिसंबर 2017 के समझौते की शर्तों को पूरा नहीं करने का हवाला दिया है। इस बीच गौतम अडानी की ओर से कहा गया है कि “हम अपना दावा ठोकेंगे।”

नई दिल्ली, 13 सितंबर। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने कहा है कि कंपनी ने अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। रिलायंस के मुताबिक, रिलायंस ने अपने मुंबई बिजली वितरण कारोबार को अदानी को बेचने के लिए कंपनी के सौदे के संबंध में 134 अरब रुपये (1.7 अरब डॉलर) के निपटान के लिए एक मध्यस्थता दावा दायर किया है। स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, रिलायंस ने शिकायत में दिसंबर 2017 के समझौते की शर्तों के उल्लंघन का हवाला दिया। अनिल अंबानी की कंपनी ने मुंबई सेंटर फॉर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन के समक्ष अपने दावे में अदानी को घेर लिया है। कंपनी ने इस संबंध में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है।

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने बताया है कि उसने अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड को अपने मुंबई बिजली-वितरण व्यवसाय को बेचने के सौदे के संबंध में 134 अरब रुपये (1.7 अरब डॉलर) का मध्यस्थता दावा दायर किया है। स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक, रिलायंस ने शर्तों में उल्लंघनों का हवाला दिया है दिसंबर 2017 के समझौते के अनुसार, मुंबई सेंटर फॉर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन के समक्ष अपने दावे का बयान दायर किया। कंपनी ने विवाद के बारे में विस्तार से नहीं बताया।

रिलायंस ने कहा, "वित्तीय निहितार्थ पता लगाने योग्य नहीं है और यह मध्यस्थता के अंतिम परिणाम और बाद की कानूनी चुनौतियों पर निर्भर है। हालांकि, अदाणी समूह ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। 2017 में, अदानी समूह ने मुंबई बिजली कारोबार को 18,800 करोड़ रुपये के सौदे में अधिग्रहित किया था। इस समझौते के तहत अनिल अंबानी की कंपनी ने शहर में अपना ऊर्जा कारोबार अदानी ट्रांसमिशन को बेच दिया। व्यवसाय में उत्पादन, वितरण और पारेषण शामिल था। इस पैसे का इस्तेमाल अनिल अंबानी ने कर्ज चुकाने के लिए किया।

एमसीआईए साइट पर एक बयान के मुताबिक, मुंबई इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (एमसीआईए) भारत में अपनी तरह का पहला मध्यस्थ संस्थान है, जिसे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय व्यापार और कानूनी समुदायों के बीच संयुक्त पहल में स्थापित किया गया है। 

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