69 हजार अध्यापक भर्ती मामला, कोर्ट ने कहा- इसे भगवान ही माफ करते हैं

कुल चार लाख, 31 हजार, 466 आवेदन आए, उसमें से चार लाख, नौ हजार, 530 ने परीक्षा दी थी। इसमें एक लाख, 46 हजार, 060 सफल हुए, जिन्हें काउंसिलिंग के लिए बुलाया 
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Allahabad High Court
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में ऑनलाइन आवेदन भरने में मानवीय भूल सुधार करने की अनुमति देने की मांग को लेकर दाखिल 17 याचिकाओं पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि चेतावनी दिये जाने के बावजूद व्यक्तिगत व शैक्षिक जानकारी भरने में लापरवाही बरती गई,जिसे सामान्य मानवीय भूल नहीं कहा जा सकता. कोर्ट ने याचिकाएं खारिज कर दी है। 

इलाहाबाद-  इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने रूखसार खान सहित 17 याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने अलेक्जेंडर पोप के कथन का भी जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि मानव की गलती भगवान माफ करते हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज की तरफ से जारी भर्ती में चेतावनी के साथ आवेदक को घोषणा करनी होती है। लिखित परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया और चयन किया गया।

 

 

Allahabad High Court

69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती मामले में ऑनलाइन आवेदन भरने में मानवीय भूल सुधार करने की अनुमति देने की मांग को लेकर दाखिल 17 याचिकाओं पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि चेतावनी दिए जाने के बावजूद व्यक्तिगत व शैक्षिक जानकारी भरने में लापरवाही बरती गई। जिसे सामान्य मानवीय भूल नहीं कहा जा सकता। कोर्ट ने याचिकाएं खारिज कर दी है।अध्यापक भर्ती मामले को कोर्ट ने खारिज करते हुए अलेक्जेंडर पोप के कथन का भी जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि मानव की गलती भगवान माफ करते हैं। 

Allahabad High Court


याचियों का कहना था कि ऑनलाइन आवेदन भरने में मानवीय भूल हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने मानवीय भूल सुधार का मौका देने का आदेश दिया है। सरकार की तरफ से विज्ञापन शर्तों व पद की गरिमा का हवाला दिया और कहा कि आवेदन भरने में व्यापक गलती को मानवीय भूल नहीं कहा सकते। कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है।
 

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