राहुल गांधी ने कहा युवाओं की अग्निपरीक्षा मत लीजिये मोदी जी

दिल्ली: मोदी सरकार की अग्निपथ योजना(Agneepath Yojana) देशभर में बेरोजगारी के मुद्दा एक बार फिर से केंद्र में आ गया है। देश के कई राज्यों में युवा सड़कों पर आकर अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं। इसी को लेकर केंद्र में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने युवाओं के समर्थन में ट्वीट किया।
उन्होंने कहा, "न कोई रैंक, न कोई पेंशन
न 2 साल से कोई direct भर्ती
न 4 साल के बाद स्थिर भविष्य
न सरकार का सेना के प्रति सम्मान
देश के बेरोज़गार युवाओं की आवाज़ सुनिए, इन्हे 'अग्निपथ' पर चला कर इनके संयम की 'अग्निपरीक्षा' मत लीजिए, प्रधानमंत्री जी।
क्यों विरोध हो रहा है अग्निपथ का
अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती सिर्फ चार साल के लिए होगी जिसमें साढ़े 17 से लेकर 21 वर्ष तक युवा अप्लाई कर सकेंगे। 4 साल की नौकरी के बाद 25 फ़ीसदी सैनिकों को ही नियमित कैडर के तहत नौकरी मिलेगी।
इस योजना में रिटायरमेंट के बाद पेंशन का कोई प्रावधान नहीं है और न ही रैंक को सरकार द्वारा कोई बात कही गयी है। प्रदर्शन कर रहे युवाओं का कहना है कि नौकरी के चार साल के बाद उनका क्या होगा?
युवाओं का कहना है कि 2 साल से सेना में भर्ती नहीं हुई है। जिससे बहुत से सेना की तैयारी कर रहे युवा ओवरऐज हो गए हैं उनके लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है और जो 4 साल के बाद नौकरी से रिटायर हो जाएंगे उनके भविष्य के लिए भी इस योजना में कोई बात नहीं की गई है।
बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख आशंका ज़ाहिर की है। उन्होंने लिखा सेना में 15 साल की नौकरी करने के बाद नियमित सैनिकों कॉरपोरेट सेक्टर नियुक्ति में ज़्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते ऐसे में महज़ 4 साल की नौकरी के बाद अग्निवीरों का कहा होगा?
उन्होंने सरकार से पूछा कि चार साल सेना में सेवा देने के दौरान युवाओं की पढ़ाई बाधित होती है। रिटायरमेंट के बाद समकक्ष युवाओं के मुकाबले ज़्यादा उम्रदराज होने के कारण उन्हें अन्य संस्थानों में नौकरी पाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
वरुण गांधी ने आगे कहा कि सेना की तैयारी करने वाले सभी युवा ग्रामीण व गरीब पृष्ठभूमि से आते हैं ऐसे में चार साल देश की सेवा करने के बाद उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि अग्निपथ योजना सरकार की आत्मघाती योजना है। उन्होंने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि यह सदियों से चली आ रही सेना की मजबूत और सुदृढ़ कार्यप्रणाली को खत्म करने वाली योजना है।
क्या कहते हैं आंकड़े
भारतीय सेना में कुल पदों की संख्या 12 लाख 29 हज़ार 559 है जिनमें से 97 हज़ार 477 पद रिक्त पड़े हैं। ये उस दौर के आंकड़े हैं जब भारतीय सेना अरुणाचल प्रदेश से लेकर पाकिस्तान के साथ लगने वाली सीमा और लद्दाख़ पर गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक देश मे हर साल 4.5 लाख युवा सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन बीते 3 साल से सेना में भर्ती न होने की वजह से 2 लाख युवा ओवरऐज हो रहे हैं। बेरोजगारी में हरियाणा पहले स्थान पर है।
भारतीय रक्षा मंत्रालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक़, भारत सरकार ने पिछले सात सालों में प्रति वर्ष औसतन 60 हज़ार जवानों की भर्तियां करती है।
इस तरह 2018 से लेकर 2022 तक बीते चार सालों में केंद्र सरकार की ओर से भारतीय सेना में सिर्फ 1,34,003 भर्तियां की गयी हैं।
हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व बिहार से सबसे ज़्यादा युवा सेना में भर्ती होते हैं इसलिए इन राज्यों में विरोध सबसे ज़्यादा देखने को मिल रहा है।
देशभर में बवाल कटा
हरियाणा के रोहतक में वीरवार को सेना के भर्ती कर रहे युवक ने अग्निपथ योजना से आहत होकर पीजी में फांसी का फंदा लगा लिया। इस घटना ने आग में घी का काम करते हुए तमाम देश मे हो रहे विरोध प्रदर्शन को और हिंसक बना दिया। वीरवार को गुस्साए युवाओं ने बिहार के नवादा में बीजेपी दफ़्तर को आग के हवाले कर दिया। बिहार के ही छपरा में युवाओं ने ट्रेन में आग लगा दी। यही हाल हरियाणा व राजस्थान में रहा, युवाओं ने रैलट्रैक को जाम करने के अलावा हाइवे को बंद कर दिया। गुस्साए युवाओं का कहना है कि अग्निपथ योजना सेना के निजीकरण करने की तरफ पहला कदम है।