नई शराब नीति पर अन्ना हजारे बोले- केजरीवाल की कथनी और करनी में फर्क, शराब नीति से दुखी हूं
![अन्ना हजारे ने कहा कि आपकी सरकार लोगों का जीवन बर्बाद कर रही है। आपने अपनी पुस्तक स्वराज में बड़ी-बड़ी बातें लिखी थीं, लेकिन आपके आचरण पर उसका असर नहीं दिख रहा है। अगर ऐसा होता, तो देश में अलग स्थिति होती और गरीबों को फायदा मिलता। दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाया। महिलाओं को प्रभावित करने वाली शराब नीति बनाई है।](https://theinknews.com/static/c1e/client/96874/uploaded/2c708844738a0aab4681fcb3d2b53ff2.webp)
नई दिल्ली- दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल की नई शराब नीति पर अन्ना हजारे ने नाराजगी जताई है। यह उस पार्टी के अनुरूप नहीं है जो एक बड़े आंदोलन से उभरी है। केजरीवाल को संबोधित करते अन्ना लिखा- कई दिनों से दिल्ली सरकार की शराब नीति को लेकर मैं दुखी हूं। अन्ना ने आगे लिखा कि लोग सत्ता के लिए पैसे और पैसे के लिए सत्ता के घेरे में फंस गए हैं। हमें महाराष्ट्र की तरह शराब नीति की उम्मीद थी, लेकिन आपने ऐसा नहीं किया।
अगर इस तरह से लोकशिक्षण, लोकजागृति पर काम किया जाता, तो देश में कहीं पर भी शराब की ऐसी गलत नीति नहीं बनती। उस वक्त टीम अन्ना के बारे में जनता के मन में विश्वास पैदा हुआ था। इसलिए उस वक्त मेरी सोच थी कि टीम अन्ना को देशभर में घूम-घूमकर लोकशिक्षण, लोकजागृति का काम करना जरूरी था। महात्मा गांधी के 'गांव की ओर चलो' के विचार से प्रेरित होकर मैंने अपनी जिंदगी गांव, समाज और देश के लिए समर्पित की है। पिछले 47 सालों से ग्राम विकास के लिए काम कर रहा हूं और भ्रष्टाचार के विरोध में आंदोलन कर रहा हूं।
अन्ना हजारे ने कहा कि आपकी सरकार लोगों का जीवन बर्बाद कर रही है। आपने अपनी पुस्तक स्वराज में बड़ी-बड़ी बातें लिखी थीं, लेकिन आपके आचरण पर उसका असर नहीं दिख रहा है। अगर ऐसा होता, तो देश में अलग स्थिति होती और गरीबों को फायदा मिलता। दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाया। महिलाओं को प्रभावित करने वाली शराब नीति बनाई है। सरकार को जनहित मे काम करने पर मजबूर करने के लिए समान विचारधारा वाले लोगों का एक प्रेशर ग्रुप होना जरूरी था। आपकी कथनी और करनी में फर्क है।
अरविंद केजरीवाल को पुराने दिन याद दिलाते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि आप हमारे गांव रालेगण सिद्धि आ चुके हैं। महात्मा गांधी के 'गांव की ओर चलो' के विचार से प्रेरित होकर मैंने अपनी जिंदगी गांव, समाज और देश के लिए समर्पित की है। पिछले 47 सालों से ग्राम विकास के लिए काम कर रहा हूं और भ्रष्टाचार के विरोध में आंदोलन कर रहा हूं। यहां आपने शराब, बीड़ी, सिगरेट आदि पर रोक की प्रशंसा की थी।
उसके बाद आप, मनीष सिसोदिया और आपके साथियों ने मिलकर पार्टी बनाई। एक ऐतिहासिक आंदोलन करके जो पार्टी बन गई, वह भी बाकी पार्टियों के रास्ते पर चलने लगी। यह बहुत ही दुख की बात है। 10 साल पहले 18 सितंबर 2012 को दिल्ली में टीम अन्ना के सदस्यों की मीटिंग हुई थी। उस वक्त आपने राजनीतिक रास्ता अपनाने की बात रखी थी, लेकिन आप भूल गए कि राजनीतिक पार्टी बनाना यह हमारे आंदोलन का उद्देश्य नहीं था।