भारत में चाइनीज फ़ोन हो सकते हैं बैन

चाइनीज कंपनियों का भारत की स्मार्टफोन मार्किट पर कब्जा है
 | 
SS
भारत मे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन की मार्कोट है और खासतौर पर सस्ते स्मार्टफोन के मामले में चाइनीज कंपनियों Xiaomi, VIVO, OPPO, Realme ने इस मार्किट में कब्जा किया हुआ है.

नई दिल्ली - अभी हाल ही में भारतीय जांच एजेंसियों ने चाइनीज मोबाइल कंपनी VIVO के दफ्तरों में छापेमारी की थी. कंपनी पर आरोप लगे थे कि कंपनी ने मनी लॉन्ड्रिंग(Prevention Of Money Laundering Act,2002) के जरिये भारत से अपने मुनाफे में से 62 हजार करोड़ रुपये चीन भेजे. भारत सरकार की इस कार्रवाई को भारतीय मार्किट में बढ़ते चीन के दबदबे पर लगाम लगाने की कोशिश के रूप में देखा गया था. 

सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि भारत सरकार स्थानीय कंपनियों को बढ़ावे देने के लिए चाइनीज कंपनियों पर और लगाम कस सकती है. ऐसा बताया जा रहा है कि सरकार आने वाले समय में 12 हजार रुपये से कम की कीमत के चाइनीज मोबाइलों पर बैन लगा सकती है. 

SS

एक अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार 12 हजार रुपये से कम कीमत वाले चाइनीज मोबाइलों की बिक्री पर रोक लगाने जा रही है. सरकार का मकसद लोकल स्मार्टफोन कंपनियों जैसे LAVA, Micromax आदि को प्रोत्साहित करना है. अज्ञात सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है यह अभी स्पष्ट नहीं है कि भारत ऐसी नीति घोषित करेगा या फिर अनौपचारिक तरीकों से चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों पर लगाम लगाने की कोशिश की जाएगी. 

यह खबर तब आई है जबकि भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा एक के बाद एक चाइनीज कंपनियों पर कानूनी कार्रवाई की है. ये बात किसी से छिपी नहीं है कि चाइनीज कंपनियों का भारत की स्मार्टफोन मार्किट पर कब्जा है. भारत मेदुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन की मार्कोट है और खासतौर पर सस्ते स्मार्टफोन के मामले में चाइनीज कंपनियों Xiaomi, VIVO, OPPO, Realme ने इस मार्किट में कब्जा किया हुआ है.

SS

करीब एक दशक पहले ही बाजार में उतरीं भारतीय कंपनियों LAVA और Micromax का आकार बढ़ा तो है लेकिन वे चाइनीज स्मार्टफोन के कॉम्पिटिशन में पिछड़ रही हैं. Xiaomi और VIVO 15 हजार रुपये से कम के स्मार्टफोन उपलब्ध कराने वालों में सबसे ऊपर हैं. वहीं दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग भी इस मार्किट की हिस्सेदार है. एक रिपोर्ट के मुताबिक 12 हजार रुपये से कम के फोन बेचने के मामले में जून 2022 तक 80 फीसदी मार्किट चाइनीज कंपनियों के कब्जे में है. वहीं Samsung  ने इस मार्किट का एक तिहाई हिस्सा पाया.

बताया जा रहा है कि अगर भारत सरकार ऐसा कोई फैसला लेती है तो Xiamo ,VIVO, OPPO, Realme, POCO जैसे कई ब्रैंड को बड़ा झटका लग सकता है. हाल ही में भारत सरकार ने Xiaomi, OPPO व VIVO के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई शुरू की है. पिछले महीने ही पहले VIVO और फिर OPPO पर  ईडी ने छापेमारी की थी. जांच एजेंसी का आरोप है कि चाइनीज कंपनी ग्वांगडोंग ओप्पो मोबाइल टेलीकम्यूनिकेशंस कॉर्प लिमिटेड(Guangdong Oppo Mobile Telecommunications Corp Ltd) की सब्सिडिएरी कंपनी OPPO India ने इम्पोर्ट ड्यूटी में 43.9 अरब डॉलर का घपला किया.

SS

वहीं बीते मई महीने में भारत में स्मार्टफोन बेचने वाली सबसे बड़ी कंपनी Xiaomi ने कोर्ट में दायर एक बयान में आरोप लगाए थे कि भारतीय जांच एजेंसी ईडी के अधिकारियों ने कंपनी के अधिकारियों के साथ मार-पीट और जोर-जबर्दस्ती कर धमकी दी. हालांकि ईडी ने इन आरोपों को गलत बताया था. अप्रैल में ईडी ने Xiaomi  के स्थानीय बैंक खातों से 72.5 करोड़ डॉलर यानी लगभग 5500 करोड़ रुपये यह कहते हुए जब्त कर लिए कि कंपनी ने रॉयल्टी भुगतान के रूप में विदेश में अवैध तरीके से धन भेजा है. Xiaomi ने इन आरोपों को गलत बताती है. उसका कहना है कि रॉयल्टी के रूप में जो भुगतान किया गया है वह पूरी तरह कानूनी रूप से वैध है.

जुलाई महीने में ईडी(Enforcement Directorate) ने अपनी जांच में पाया था कि चीन(China) की मोबाइल कंपनी VIVO की भारतीय यूनिट(Indian Unit) ने टैक्स से बचने के लिए अपने रेवेन्यू(Revenue) का आधा हिस्सा मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये चीन भेजा. ईडी ने बताया है कि VIVO india ने 62 हज़ार 476 करोड़ रुपये चीन भेजे थे. ईडी ने बयान जारी कर कहा कि VIVO की भारतीय इकाई ने गैर कानूनी तरीके से 2017 से 2021 के बीच में अपने रेवेन्यू का आधा हिस्सा चीन व अन्य देशों में भेज दिया. ईडी ने ये भी बताया कि इस दौरान कंपनी ने भारत में 1 लाख 25 हज़ार 185 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया. 

gg

जिसके बाद दिल्ली में चीनी दूतावास(Chinese Embassy) के प्रवक्ता(Spokesperson) वांग शाओजियान(Wang Xiaojian) ने बयान जारी कर कहा था कि हमें उम्मीद है कि VIVO India के खिलाफ जांच कानूनी दायरे में होगी. चाइनीज दूतावास ने अपने बयान में कहा कि हम इस मुद्दे को करीब से देख रहे हैं. बयान में कहा गया है कि चीनी सरकार(Chinese Government) ने चीन की कंपनियों को हमेशा कहा है कि वे विदेशों में कानून और नियमों(Law & Regulations) का पालन करें. चीनी सरकार कंपनियों के अधिकार और हित की सुरक्षा के लिए हमेशा उनके साथ खड़ी होती है.

Latest News

Featured

Around The Web