देश का पहला इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज लॉन्च, पीएम मोदी ने किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) और NSE IFSC-SGX कनेक्ट को भी लॉन्च किया.
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पीएम मोदी
बुलियन का मतलब है उच्च शुद्धता का फिजिकल गोल्ड और सिल्वर, जिसे बार, सिल्लियों या सिक्कों के रूप में रखा जाता है. इसे अक्सर केंद्रीय बैंकों द्वारा स्वर्ण भंडार के रूप में रखा जाता है.योग्य ज्वैलर्स को आईआईबीएक्स के जरिए सोना आयात करने की अनुमति होगी.

नई दिल्ली - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शुक्रवार को भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज (International Bullion Exchange) को लॉन्च कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने गांधीनगर में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण के मुख्यालय भवन की आधारशिला रखी और इंडिया इं टरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) और NSE IFSC-SGX कनेक्ट को भी लॉन्च किया.

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत के बढ़ते आर्थिक सामर्थ्य, बढ़ते तकनीकी सामर्थ्य, और भारत पर विश्व के बढ़ते भरोसे के लिए, ये दिवस बहुत महत्वपूर्ण है, एक अहम दिन है. आज गिफ्ट सिटी में, International Financial Services Centres Authority - IFSCA Headquarters Building, का शिलान्यास किया गया है.

पीएम ने कहा, ऐसे समय में जब भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब आधुनिक होते भारत के नए संस्थान और नई व्यवस्थाएं भारत का गौरव बढ़ा रही हैं. मुझे विश्वास है, ये भवन अपने आर्किटैक्चर में जितना भव्य होगा, उतना ही भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने के असीमित अवसर भी खड़े करेगा.

पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब USA, UK और Singapore जैसे दुनिया के उन देशों की कतार में खड़ा हो रहा है, जहां से ग्लोबल फाइनेंस को दिशा दी जाती है. मैं इस अवसर पर आप सभी को और सभी देशवासियों को अनेक-अनेक बधाई देता हूं. पीएम मोदी ने कहा कि GIFT City की परिकल्पना में देश के सामान्य मानवी की आकांक्षाएं जुड़ी हैं.

GIFT City में भारत के भविष्य का विजन जुड़ा है, भारत के स्वर्णिम अतीत के सपने भी जुड़े हैं. पीएम मोदी ने कहा कि जब मैंने गिफ्ट सिटी की परिकल्पना की थी तो वो केवल व्यापार, कारोबार या आर्थिक गतिविधियों तक सीमित नहीं था. गिफ्ट सिटी की परिकल्पना में देश के सामान्य मानवी की आकांक्षाएं जुड़ी हैं. गिफ्ट सिटी में भारत के भविष्य का विजन जुड़ा है.

पीएम मोदी बोले गिफ्ट सिटी commerce और technology के हब के रूप में अपनी मजबूत पहचान बना रहा है. गिफ्ट सिटी wealth और wisdom, दोनों को celebrate करता है. मुझे ये देखकर भी अच्छा लगता है कि गिफ्ट सिटी के जरिए भारत, विश्व स्तर पर सर्विस सेक्टर में मजबूत दावेदारी के साथ आगे बढ़ रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये भी कहा कि 2008 में वैश्विक आर्थिक मंदी का दौर था. भारत में भी दुर्भाग्य से उस समय पॉलिसी पैरालिसिस का माहौल था. उस समय गुजरात फिनटेक के संदर्भ में नए और बड़े कदम उठा रहा था. मुझे खुशी है कि वो आइडिया आज इतने आगे बढ़ गया है. गिफ्ट सिटी की एक और खास बात ये है कि यह ट्राइसिटी अप्प्रोच का प्रमुख स्तम्भ है.

अहमदाबाद, गांधीनगर और गिफ्ट सिटी तीनों एक दूसरे से सिर्फ 30 मिनट की दूरी पर हैं और तीनों की ही अपनी एक विशेष पहचान है. अहमदाबाद एक गौरवशाली इतिहास को अपने आप में समेटे हुए है. गांधीनगर प्रशासन, नीति और निर्णयों के केंद्र है. वहीं गिफ्ट सिटी अर्थतन्त्र का प्रमुख केंद्र है. पीएम मोदी ने कहा कि India International Bullion Exchange इसी दिशा में एक कदम है.

पीएम ने कहा, Gold के लिए भारत के लोगों का प्यार किसी से छिपा नहीं है. सोना भारत में महिलाओं की आर्थिक शक्ति का माध्यम रहा है. महिलाओं के विशेष स्नेह के कारण Gold हमारे समाज और सांस्कृतिक व्यवस्था का भी उतना ही अहम हिस्सा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि ये एक बड़ी वजह है कि भारत आज सोने-चांदी के क्षेत्र का एक बहुत बड़ा मार्किट है.

भारत की पहचान एक market maker की भी होनी चाहिए India International Bullion Exchange इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. आज भारत में रिकॉर्ड FDI आ रहा है. ये इन्वेस्टमेंट देश में नए अवसर पैदा कर रहा है. युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा कर रहा है. ये हमारी industry को ऊर्जा दे रहा है, हमारी productivity को बढ़ा रहा है.

पीएम ने कहा, आज भारत दुनिया की सबसे बड़ी economies में से एक है. इसलिए भविष्य में जब हमारी economy आज से भी कहीं ज्यादा बड़ी होगी, हमें उसके लिए अभी से तैयार होना होगा. हमें इसके लिए ऐसे institutions चाहिए, जो global economy में हमारे आज के और भविष्य के रोल को cater कर सके.

बता दें कि बुलियन का मतलब है उच्च शुद्धता का फिजिकल गोल्ड और सिल्वर, जिसे बार, सिल्लियों या सिक्कों के रूप में रखा जाता है. बुलियन को कभी-कभी लीगल टेंडर माना जा सकता है. इसे अक्सर केंद्रीय बैंकों द्वारा स्वर्ण भंडार के रूप में रखा जाता है या संस्थागत निवेशकों द्वारा रखा जाता है.

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