Ankita murder Case - झारखंड हाईकोर्ट ने DGP को किया तलब, मुस्लिम जांच अधिकारी को हटाया गया

दुमका से लेकर राजधानी रांची तक साम्प्रदायिक तनाव बना हुआ है
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दुमका जिले के जरुवाडीह इलाके में 23 अगस्त को 12वीं क्लास की एक नाबालिग लड़की अंकिता को शाहरुख हुसैन नाम का लड़का करीब 10 दिन से तंग कर रहा था. बताया जा रहा है कि आरोपी शाहरुख लड़की पर जबरदन दोस्ती का दबाव बना रहा था. लड़की के मना कर दिया था. 

रांची - झारखंड के दुमका जिले में 12वीं क्लास की युवती को पेट्रोल डालकर जिंदा जला देने का मामला गरमाता जा रहा है. विपक्षी पार्टियां हेमंत सोरेन सरकार को लगातार घेर रही हैं. वहीं हिंदू संगठनों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. दुमका से लेकर राजधानी रांची तक साम्प्रदायिक तनाव बना हुआ है. दुमका में 2 दिन से बाजार बंद है.

ताजा जानकारी के मुताबिक अब झारखंड हाईकोर्ट(Jharkhand Highcourt) ने राज्य के DGP(Director General of Police) को तलब कर रिपोर्ट मांगी है.इसके अलावा हाईकोर्ट ने पीड़िता के परिवार को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. वहीं मामले की जांच कर रहे मुस्लिम DSP नूर मुस्तफा(Noor Mustafa) को जांच से हटा दिया गया है. उनपर आरोप है कि वो आरोपी शाहरुख हुसैन को बचा रहे थे. 

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी(Babu lal Marandi) ने DSP नूर मुस्तफा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने FIR में मृतका अंकिता को बालिग लिखा है जबकि वो नाबालिग थीं. बाबूलाल मिरांडी ने कहा, "इस राज्य में आदिवासी सबसे ज्यादा पीड़ित और प्रताड़ित रहे.

दुमका के SP ने बाकी केसों की कार्रवाई के लिए DSP नूर मुस्तफा के बारे में DIG को पत्र लिखा. पीड़िता की उम्र 16 साल थी लेकिन FIR में 19 साल दिखाया. इन्होंने (हेमंत सोरेन) अपराधियों को बचाने की कोशिश की. धारा 120 B के तहत नूर मुस्तफा के ऊपर भी केस दर्ज़ होना चाहिए."

इसके बाद दुमका एसपी अंबर लकड़ा ने बताया कि जांच अधिकारी नूर मुस्तफा को जांच से हटा दिया गया है. उन्होंने कहा, "एसडीपीओ नूर मुस्तफा को मामले की निगरानी से हटा दिया गया है. उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. अब मामले की जांच निरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी करेंगे, जिसकी निगरानी एसपी स्तर के अधिकारी करेंगे."

वहीं झारखंड की बाल कल्याण समिति(Child Welfare Committee) ने बड़ा फैसला लिया है. पुलिस के दावे को खारिज करते हुए CWC ने कहा कि अंकिता नाबालिग थी. इसलिए आरोपी शाहरुख पर POCSO(Prevention of Children From Sexual Offences-2012) की धाराएं लगेंगी. यानी आरोपी शाहरुख की मुश्किलें और बढ़ेंगी. 

CWC ने कहा कि 10वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा की मार्कशीट के अनुसार अंकिता सिंह की उम्र लगभग 16 साल थी और पुलिस के दावे के मुताबिक वह नाबालिग नही थी. दुमका CWC के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने बताया, "हम अनुशंसा करते हैंकि FIR में POCSO एक्ट की धाराएं जोड़ी जाएं क्योंकि हमारी जांच के अनुसार लड़की नाबालिग थी."

अमरेंद्र कुमार के नेतृत्व में CWC की चार सदस्यीय टीम नेसोमवार, 30 अगस्त को पीड़िता के परिवार से मुलाकात की और मार्कशीट को देखा. इसके बाद अमरेंद्र ने कहा, "अंकिता की मार्कशीट के अनुसार उसका जन्म 26 नवंबर 2006 को हुआ था. वह नाबालिग थी, इसलिए इस मामले में POCSO एक्ट के तहत धाराएं लागू होती हैं."

क्या है मामला

दुमका जिले के जरुवाडीह इलाके में 23 अगस्त को 12वीं क्लास की एक नाबालिग लड़की अंकिता को शाहरुख हुसैन नाम का लड़का करीब 10 दिन से तंग कर रहा था. बताया जा रहा है कि आरोपी शाहरुख लड़की पर जबरदन दोस्ती का दबाव बना रहा था. लड़की के मना कर दिया था. 

घटना 23 अगस्त के सुबह 4 बजे की है. घर मे अंकिता कमरे में सो रही थी. उस वक्त घर में अंकिता के दादा-दादी, पिता व छोटे भाई मौजूद थे. आरोपी शाहरुख ने कमरे में सो रही अंकिता के कमरे में खिड़की से पेट्रोल डालकर लगा दी. उसे दुमका के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.

लेकिन हालत में कोई सुधार न होने के चलते डॉक्टर्स ने उसे रांची के RIMS(Rajendra Institute of Medical Sciences) रेफेर कर दिया. मामले के संज्ञान में आते ही नगर थाना पुलिस ने आरोपी शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया और पीड़िता का बयान दर्ज किया. लेकिन बुरी तरह से झुलसने के कारण 5 दिन की जंग के बाद अंकिता ने दम तोड़ दिया.

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