जेल में डॉ. सचान मौत मामला- 11 साल बाद CBI कोर्ट ने माना हत्या, पूर्व डीजीपी बृजलाल बोले- मायावती के खास कैबिनेट सेक्रेटरी ने हत्या को सुसाइड में बदला था

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन  घोटाले में जेल में बंद पूर्व डिप्टी CMO डा. वाईएस सचान का शव टॉयलेट में लटका मिला था
 | 
DG Brijlal
डिप्टी सीएमओ वाईएस सचान की मौत को सीबीआई की विशेष अदालत ने हत्या माना है। अब कोर्ट हत्या का मामला मान कर ही सुनवाई करेगी। कोर्ट ने आठ अगस्त को तत्कालीन डीजीपी से लेकर सभी जेल अधिकारियों को तलब किया है। अब उन दो सीएमओ हत्याकांड की परत भी खुल रही है जो उसी दौरान हुई थी। 

लखनऊ- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन  घोटाले में जेल में बंद पूर्व डिप्टी सीएमओ डा. वाईएस सचान का शव टॉयलेट में लटका मिला था।  सीबीआई अदालत ने  11 साल बाद  इसे हत्या माना है।  इस मामले में डॉ. सचान के  शरीर पर हुए नौ घावों को सुबूत माना है।  जिन्हें तमाम प्रयासों के बाद भी उस वक्त के सिस्टम  छिपा नहीं सका। डॉ. सचान की बॉडी का पोस्टमार्टम केजीएमयू के पांच डॉक्टरों के पैनल ने किया। इसमें एक महिला डॉक्टर भी थी। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी हुई। साथ ही डॉक्टरों ने भी अपने फोन से इसकी वीडियो बनाई थी, ताकि सुबूत न मिटाए जा सकें।

DG Brijlal


जेल में जब डॉ. सचान की हत्या हुई तब उस समय बृजलाल ADG थे। वह बताते है कि - हत्या को आत्महत्या में बदलने की झूठी कहानी तत्कालीन कैबिनेट सेक्रेटरी शशांक शेखर सिंह के कमरे में गढ़ी गई थी। सचान से पहले अक्टूबर, 2010 में CMO डॉ. विनोद आर्य और अप्रैल, 2011 में डॉ. बीपी सिंह की हत्या हुई थी।

बृजलाल ने बताया, डॉ. आर्य की हत्या में पांच  गोली दागी गई थी। इनके खोखे मौके से बरामद हुए थे। छह  महीने बाद बीपी सिंह की हत्या में तीन पिस्टल से 13 बुलेट दागे गए। इसमें 5 खोखे उसी पिस्टल के थे, जो डॉ. आर्य की हत्या में इस्तेमाल हुई थी। फॉरेंसिक लैब में इनके मिलान के बाद शूटरों को पकड़ा गया था। इनके पास से बिहार के भागलपुर में बनी दो पिस्टल मिली थीं। तीसरी पिस्टल आरके वर्मा ने फेंक दी थी।

बृजलाल ADG


पुलिस की जांच में  खुलासा  हुआ था दो कि लगातार हुए दो  मर्डर में डॉ. सचान का हाथ था। लखनऊ पुलिस ने सीतापुर के हिस्ट्रीशीटर सुधाकर और मौजूदा सपा विधायक अभय सिंह को फर्जी नामजद किया था। इसी बीच पुलिस ने आरके वर्मा को उठा लिया। उसके बस्ती जिले के दो शूटर पकड़े गए, जिन्होंने दोनों डॉक्टरों को गोली मारी थी।

दोनों हत्याओं का खुलासा होने से पहले डॉ. सचान NHM घोटाले में जेल जा चुके थे। शूटरों की गिरफ्तारी के बाद उनकी रिमांड ली गई। जिस दिन उन्हें पूछताछ के लिए लाया जाना था, उससे पहले वाली रात जेल में उनकी हत्या कर दी गई। इसके बाद कैबिनेट सेक्रेटरी शशांक शेखर के घर पर मीटिंग बुलाई गई। इसमें तत्कालीन DGP कर्मवीर सिंह के साथ कई अफसर थे। 


बृजलाल ADG
 

डॉ. वाईके पाठक ने बताया, "पोस्टमार्टम में सचान के शरीर पर कुल नौ  घाव थे। इसमें दोनों हाथों पर चार कट थे। जांघों पर दो गहरे घाव थे। दाईं जांघ का कट इतना गहरा था कि धमनी कट गई थी। 9वीं चोट गले पर मिला कसाव के निशान का था। यह मौत के बाद का था। घटनास्थल से ब्लेड का आधा टुकड़ा मिला था, जिससे इतने गहरे घाव होना संभव नहीं था।

मीटिंग में तय हुआ था कि DG जेल बीके सिंह मीडिया को बयान देंगे। इसके बाद बीके सिंह ने बिना किसी जांच-पड़ताल के सचान की मौत को आत्महत्या बता दिया। सारी कवायद पूर्वांचल के एक बाहुबली को बचाने के लिए हो रही थी। उसी बाहुबली के पास NRHM के सारे ठेके थे। उसी के इशारे पर तीन डॉक्टरों की हत्या हुई थी।

बृजलाल ADG

केस डायरी से गायब किया गया डॉ. सचान का कथित सुसाइड नोट बृजलाल ने बताया, घटना के बाद जेल प्रशासन ने एक नोट दिखाया, जिसे डॉ. सचान का सुसाइड नोट बताया गया। इसमें लिखा था,  मैं निर्दोष हूं। मेरा कोई दोष नहीं है। मुझे फंसाया जा रहा है। मगर, जब मामले की जांच शुरू हुई, तो ये नोट केस डायरी से गायब हो गया। 


डॉ. वाईके पाठक की रिपोर्ट से सचान के हत्या की पुष्टि होते देख उन्हें जांच टीम से हटा दिया गया था। मगर, उनकी तैयार की हुई रिपोर्ट पत्थर की लकीर बन चुकी थी। इनके बाद डॉ. मित्तल और डॉ. अरोड़ा ने भी वही रिपोर्ट दी।


डॉ. सुरेश चंद मित्तल ने बताया-  सचान का शव बैरक के टॉयलेट में कमोड पर मिला था। मगर, टॉयलेट तक जाने के उनके फुटप्रिंट नहीं थे। उनके गले में बेल्ट लिपटा था, जिससे सुसाइड करने का दावा किया जा रहा था। मगर, बेल्ट की लंबाई करीब तीन फीट थी। कमोड से उस खिड़की की दूरी तीन फीट से ज्यादा थी, जिसमें बेल्ट बांधकर लटकने का दावा किया गया था।

 मीटिंग में तय हुआ था कि DG जेल बीके सिंह मीडिया को बयान देंगे। इसके बाद बीके सिंह ने बिना किसी जांच-पड़ताल के सचान की मौत को आत्महत्या बता दिया। सारी कवायद पूर्वांचल के एक बाहुबली को बचाने के लिए हो रही थी। उसी बाहुबली के पास NRHM के सारे ठेके थे। उसी के इशारे पर तीन डॉक्टरों की हत्या हुई थी।

डॉ. मित्तल ने बताया, मैंने CBI को दिए अपने बयान में कहा कि ये कॉर्पोरेट मर्डर है। यानी सुनियोजित तरीके से जेल के बाहर ले जाकर की गई हत्या। इसके बावजूद CBI ने सारी रिपोर्ट दरकिनार करते हुए आत्महत्या की चार्जशीट दाखिल कर दी।


मेडिको लीगल एक्सपर्ट डॉ. बलजीत सिंह अरोड़ा ने बताया- सीबीआाई ने पहली बार लखनऊ के माल एवेन्यू में बयान के लिए बुलाया। इसमें मैं और डॉ. मित्तल गए थे। दूसरी बार दिल्ली बुलाया गया। इस बार पोस्टमार्टम करने वाली टीम की महिला डॉक्टर का भी बयान हुआ। सभी ने स्टेटमेंट दिया कि जांच की हर कड़ी हत्या से जुड़ रही है। कोई आम आदमी एक नजर में जिसे बता सकता है कि प्लांड मर्डर किया गया है।

Latest News

Featured

Around The Web