5G स्पेक्ट्रम की नीलामी: चार कंपनियां मैदान में, रिलायंस का डिपॉजिट अडाणी से 140 गुना ज्यादा

4.3 लाख करोड़ रु. का 72 GHz स्पेक्ट्रम नीलाम होगा, 5G मौजूदा 4G सर्विस से 10 गुना तेज होगी
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5G नेटवर्क में 20 Gbps तक डेटा डाउनलोड की स्पीड मिल सकती है। इंटरनेट नेटवर्क के पांचवे जनरेशन को 5G कहते हैं। यह एक वायरलेस ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस है, जो तरंगों के जरिए हाई स्पीड इंटरनेट सेवा उप्लब्ध कराती है। इसमें मुख्य तौर पर तीन तरह के फ्रीक्वेंसी बैंड होते हैं।
5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू होगी। इसमें कुल 72 गीगाहर्टज स्पेक्ट्रम की नीलामी होगी। इस नीलामी से सरकार को करीब 4.3 लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। इस नीलामी में कुल चार कंपनियां हिस्सा ले रही है जिनमें रिलायंस जियो, भारतीय एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अदाणी समूह की अदाणी डाटा नेटव‌र्क्स लिमिटेड शामिल हैं। सरकार का दावा है कि अगस्त के अंत तक देश में 5जी सेवा शुरू हो सकती है।

नई दिल्ली- 5G टेलीकॉम स्पेक्ट्रम की नीलामी मंगलवार आज से शुरू हो रही है। बोली सुबह 10 बजे से शुरू होकर शाम 6 बजे तक चलेगी। टेलीकॉम डिपार्टमेंट के सूत्रों ने कहा कि नीलामी के दिनों की संख्या रेडियो वेव्स की एक्चुअल डिमांड और इंडिविजुअल बिडर्स की स्ट्रैटेजी पर निर्भर करेगी। नीलामी के दौरान 4.3 लाख करोड़ रुपए के कुल 72 GHz स्पेक्ट्रम को ब्लॉक पर रखा जाएगा। 5G इंटरनेट सेवा के शुरू होने से भारत में काफी कुछ बदलने वाला है। इससे न सिर्फ लोगों का काम आसान होगा, बल्कि एंटरटेनमेंट और कम्युनिकेशन सेक्टर में भी काफी कुछ बदल जाएगा।


नीलामी विभिन्न लो फ्रीक्वेंसी बैंड (600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz), मीडियम (3300 MHz) और हाई फ्रीक्वेंसी बैंड (26GHz) में रेडियो वेव्स के लिए आयोजित की जाएगी। ये बैंड ऑपरेटरों को अपने नेटवर्क कवरेज को मजबूत करने में मदद करेंगे। नौ बैंड में से, 600 Mhz, 700 Mhz, 3.3 Ghz और 26 Ghz बैंड कभी आवंटित नहीं किए गए हैं।
 

5G नेटवर्क में 20 Gbps तक डेटा डाउनलोड की स्पीड मिल सकती है। इंटरनेट नेटवर्क के पांचवे जनरेशन को 5G कहते हैं। यह एक वायरलेस ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस है, जो तरंगों के जरिए हाई स्पीड इंटरनेट सेवा उप्लब्ध कराती है। इसमें मुख्य तौर पर तीन तरह के फ्रीक्वेंसी बैंड होते हैं।

5G के लिए काम कर रही कंपनी एरिक्सन का मानना है कि 5 साल में भारत में 50 करोड़ से ज्यादा 5G इंटरनेट यूजर की संख्या होने वाली है।देश में 5जी सेवा सबसे पहले दिल्ली, लखनऊ, चंडीगढ़, गुरुग्राम, अहमदाबाद, कोलकाता, जामनगर, गांधीनगर, हैदराबाद, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु और चेन्नई में शुरू होगी।इसकी वैलिडिटी 20 साल की होगी। नीलामी विभिन्न लो फ्रीक्वेंसी बैंड, मीडियम और हाई फ्रीक्वेंसी बैंड रेडियो वेव्स के लिए होगी। नीलामी में सफल रहने वाली कंपनी इसके जरिए 5G सर्विस मुहैया करा सकेंगी। यह मौजूदा 4G सर्विस से 10 गुना ज्यादा तेज होगी।

वोडाफोन आइडिया ने 2,200 करोड़ रुपए, भारती एयरटेल ने 5,500 करोड़ रुपए, अडाणी डेटा नेटवर्क्स ने 100 करोड़ रुपए और रिलायंस जियो ने 14000 करोड़ रुपए जमा किए हैं। यह दर्शाता है कि अडाणी नीलामी के दौरान केवल कम कीमत वाले स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाएंगे।5G नेटवर्क में 20 Gbps तक डेटा डाउनलोड की स्पीड मिल सकती है। इंटरनेट नेटवर्क के पांचवे जनरेशन को 5G कहते हैं। यह एक वायरलेस ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस है, जो तरंगों के जरिए हाई स्पीड इंटरनेट सेवा उप्लब्ध कराती है। इसमें मुख्य तौर पर तीन तरह के फ्रीक्वेंसी बैंड होते हैं।


5G नेटवर्क में 20 Gbps तक डेटा डाउनलोड की स्पीड मिल सकती है। इंटरनेट नेटवर्क के पांचवे जनरेशन को 5G कहते हैं। यह एक वायरलेस ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस है, जो तरंगों के जरिए हाई स्पीड इंटरनेट सेवा उप्लब्ध कराती है। इसमें मुख्य तौर पर तीन तरह के फ्रीक्वेंसी बैंड होते हैं।

 

14,000 करोड़ रुपए की EMD के साथ, नीलामी के लिए Jio को आवंटित पात्रता अंक  1,59,830 हैं, जो चार बिडर्स की लिस्ट में सबसे ज्यादा हैं। आमतौर पर, EMD राशि नीलामी में स्पेक्ट्रम लेने की प्लेयर्स की भूख, रणनीति और योजना का एक व्यापक संकेत देती है। एयरटेल के एलिजिबिलिटी पॉइंट 66,330 हैं, जबकि वोडाफोन आइडिया के 29,370 हैं। अडाणी को अपनी जमा राशि के आधार पर 1,650 पॉइंट मिले हैं।बीते दिनों 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में हिस्सा लेने के लिए रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अडाणी डेटा नेटवर्क्स ने बयाना राशि जमा की थी। रिलायंस के इरादे इसी बात से पता चलते है उसकी बयाना राशि भारती एयरटेल की राशि से 2.5 गुना और वोडाफोन आइडिया से 6.3 गुना ज्यादा है। अडाणी डेटा नेटवर्क्स की जमा राशि से ये 140 गुना ज्यादा है।

टेलीकॉम डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर पोस्ट की गई प्री-क्वालिफाइड बिडर्स की लिस्ट के अनुसार, वोडाफोन आइडिया ने 2,200 करोड़ रुपए, भारती एयरटेल ने 5,500 करोड़ रुपए, अडाणी डेटा नेटवर्क्स ने 100 करोड़ रुपए और रिलायंस जियो ने 14000 करोड़ रुपए जमा किए हैं। यह दर्शाता है कि अडाणी नीलामी के दौरान केवल कम कीमत वाले स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाएंगे।5G नेटवर्क में 20 Gbps तक डेटा डाउनलोड की स्पीड मिल सकती है। इंटरनेट नेटवर्क के पांचवे जनरेशन को 5G कहते हैं। यह एक वायरलेस ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस है, जो तरंगों के जरिए हाई स्पीड इंटरनेट सेवा उप्लब्ध कराती है। इसमें मुख्य तौर पर तीन तरह के फ्रीक्वेंसी बैंड होते हैं।


एयरवेव्स इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम के भीतर रेडियो फ्रीक्वेंसी हैं जो टेलीकॉम सहित कई सर्विसेज के लिए वायरलेस तरीके से सूचना ले जा सकती हैं। सरकार इन एयरवेव्स का मैनेजमेंट और आवंटन करती है। स्पेक्ट्रम को लो फ्रीक्वेंसी से लेकर हाई फ्रीक्वेंस तक के बैंड में डिवाइड किया जा सकता है। हाई-फ्रीक्वेंसी वेव ज्यादा डेटा ले जाती हैं और लो-फ्रीक्वेंसी वेव की तुलना में तेज होती हैं, लेकिन इन्हें आसानी से ब्लॉक या ऑब्सट्रक्ट किया जा सकता है। लोअर-फ्रीक्वेंसी वेव वाइडर कवरेज प्रदान कर सकती हैं।

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