गृह मंत्री अनिल विज की सिफारिश: आईएएस अशोक खेमका के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में न हो जांच

बर्खास्त अधिकारियों को हाईकोर्ट से मिल चुका स्टे

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विज ने अपने टिप्पणी में लिखा है कि खेमका के खिलाफ दर्ज मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा-17 ए के तहत जांच करने की मंजूरी न दी जाए। आईएएस वर्मा की शिकायत पर खेमका के खिलाफ दर्ज मामले में पुलिस ने बाद में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा-13 जोड़ी है। 
आईएएस संजीव वर्मा ने हरियाणा भंडारण निगम के प्रबंध निदेशक का कार्यभार संभालने के बाद इस साल खेमका के कार्यकाल के दौरान अक्तूबर 2009 से जनवरी 2010 के बीच नियुक्तियों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। विज की नजर में खेमका पर लगाए गए आरोपों पर कोई अपराध नहीं बनता, न ही बेईमानी का इरादा दिखता है। इसलिए भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा-13 के तहत यह मामला नहीं बनता।  

चंडीगढ़ -  आईएएस संजीव वर्मा ने हरियाणा भंडारण निगम के प्रबंध निदेशक का कार्यभार संभालने के बाद इस साल खेमका के कार्यकाल के दौरान अक्तूबर 2009 से जनवरी 2010 के बीच नियुक्तियों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उन्होंने दो प्रबंधकों को बर्खास्त करने के साथ अनेक अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की थी। इस पर प्रबंधक और अन्य कर्मियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट अधिकारियों की बर्खास्तगी पर रोक लगा चुका है। विज ने अपने टिप्पणी में लिखा है कि खेमका के खिलाफ दर्ज मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा-17 ए के तहत जांच करने की मंजूरी न दी जाए। आईएएस वर्मा की शिकायत पर खेमका के खिलाफ दर्ज मामले में पुलिस ने बाद में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा-13 जोड़ी है। 

 

विज ने अपने टिप्पणी में लिखा है कि खेमका के खिलाफ दर्ज मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा-17 ए के तहत जांच करने की मंजूरी न दी जाए। आईएएस वर्मा की शिकायत पर खेमका के खिलाफ दर्ज मामले में पुलिस ने बाद में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा-13 जोड़ी है। 

 


विज की इस सिफारिश पर अब अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल लेंगे। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव के जरिये फाइल मंगवा ली है। संजीव वर्मा के खिलाफ दर्ज मामले में पुलिस जांच को आगे बढ़ा सकेगी, चूंकि उसमें किसी अनुमति की जरूरत नहीं बताई गई है। विज ने खेमका के खिलाफ दर्ज मामले में अपनी सिफारिश करने से पहले महाधिवक्ता से भी राय ली है। सिफारिश के साथ ही उन्होंने पूर्व में जांच की मंजूरी न देने के मामलों का भी हवाला दिया है। विज की नजर में खेमका पर लगाए गए आरोपों पर कोई अपराध नहीं बनता, न ही बेईमानी का इरादा दिखता है। इसलिए भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा-13 के तहत यह मामला नहीं बनता। 

आईएएस अशोक खेमका को हरियाणा भंडारण निगम में नियुक्तियों को लेकर चल रहे विवाद में एक बार फिर गृह मंत्री अनिल विज का साथ मिला है। खेमका के खिलाफ आईएएस संजीव वर्मा की शिकायत पर दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में विज ने पुलिस को जांच की मंजूरी न देने की सिफारिश की है। उन्होंने पुलिस की तरफ से भेजी फाइल पर लिखा है कि जांच की मंजूरी देने से इनकार किया जा सकता है।

विज ने अपने टिप्पणी में लिखा है कि खेमका के खिलाफ दर्ज मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा-17 ए के तहत जांच करने की मंजूरी न दी जाए। आईएएस वर्मा की शिकायत पर खेमका के खिलाफ दर्ज मामले में पुलिस ने बाद में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा-13 जोड़ी है। 

अब निगाहें मुख्यमंत्री कार्यालय पर टिक गई हैं कि वह विज की सिफारिश को खारिज करते हैं, या उस पर अपनी मुहर लगाते हैं। बीते 20 अप्रैल को वर्मा ने खेमका के खिलाफ भ्रष्टाचार सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया था, उसके कुछ घंटों बाद ही खेमका की शिकायत पर वर्मा के खिलाफ भी मामला दर्ज हो गया था। खेमका की शिकायत पर मामला दर्ज कराने के लिए विज खुद डीसीपी कार्यालय पहुंचे थे।


 

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