हरियाणा सरकार और HSSC को नोटिस, 1178 क्लर्क को हटाने के आदेश पर हाईकोर्ट की रोक

हाईकोर्ट ने परिणाम में संशोधन कर नए सिरे से मेरिट तैयार करने का आदेश दिया था

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हरियाणा सरकार और HSSC को नोटिस, 1178 क्लर्क को हटाने के आदेश पर हाईकोर्ट की रोक
क्लर्कों को हटाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष ने दलील दी कि उनको डेढ़ साल की नौकरी के बाद निकाला जा रहा है। याची पक्ष की तरफ से दलील दी गई कि वह राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत है। पिछले दिनों कर्मचारी चयन आयोग ने संशोधित परिणाम जारी कर उनको हटाने के लिए नोटिस जारी कर दिए। 

चंडीगढ़- हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा वर्ष 2019 की क्लर्क भर्ती में 1178 क्लर्कों को हटाने के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार व हरियाणा कर्मचारी आयोग को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है। इसके साथ ही इन क्लर्कों को हटाने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने 25 अप्रैल को विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 4858 क्लर्कों की भर्ती का परिणाम खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने परिणाम में संशोधन कर नए सिरे से मेरिट तैयार करने का आदेश दिया था। संशोधित परिणाम जारी होने के बाद 1178 क्लर्कों की सेवा से समाप्त करने का सरकार ने आदेश जारी किया था।

हरियाणा सरकार और HSSC को नोटिस, 1178 क्लर्क को हटाने के आदेश पर हाईकोर्ट की रोक


हाईकोर्ट ने 25 अप्रैल को विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 4858 क्लर्कों की भर्ती का परिणाम खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने परिणाम में संशोधन कर नए सिरे से मेरिट तैयार करने का आदेश दिया था। संशोधित परिणाम जारी होने के बाद 1178 क्लर्कों की सेवा से समाप्त करने का सरकार ने आदेश जारी किया था। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने याची पक्ष को सेवामुक्त करने के सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए पीड़ित कर्मचारियों का पक्ष सुन कर सरकार को आगे का आदेश पारित करने का आदेश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी।

हरियाणा सरकार और HSSC को नोटिस, 1178 क्लर्क को हटाने के आदेश पर हाईकोर्ट की रोक

क्लर्कों को हटाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष ने दलील दी कि उनको डेढ़ साल की नौकरी के बाद निकाला जा रहा है। याची पक्ष की तरफ से दलील दी गई कि वह राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत है। पिछले दिनों कर्मचारी चयन आयोग ने संशोधित परिणाम जारी कर उनको हटाने के लिए नोटिस जारी कर दिए। 

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दलील दी गई की याचिकाकर्ताओं को हटाने के लिए जो तरीका अपनाया जा रहा है वह सही नहीं है। जो कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है उसमें भी याची पक्ष को सुना नहीं जा रहा है। याची ने कहा कि सेवा नियमों को अनदेखा कर याची पक्ष को उनकी दलीलें रखने के लिए केवल एक दिन का समय दिया गया है। 

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