भारतीय कंपनियां हनुमान की तरह है - वित्त मंत्री

न‍िर्मला सीतारमण ने हनुमान से की भारतीय कंपन‍ियों की तुलना
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वित्त मंत्री
विदेशी कंपनियां भारत में धड़ाधड़ निवेश करने में लगी हैं लेकिन भारतीय कंपनियां मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश से कतरा रही हैं। हीरो माइंडमाइन सम्मिट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय कंपनियों की तुलना भगवान हनुमान जी से करते हुए कहा कि जैसे वो अपनी शक्ति भूल गए थे वैसे ही हमारी कंपनियां भी अपनी क्षमता और ताकत पर भरोसा नहीं कर पा रही हैं।

दिल्ली।  विदेशी कंपनियां भारत में भारी निवेश कर रही हैं, लेकिन भारतीय कंपनियां मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश करने से कतरा रही हैं। हीरो माइंडमाइन समिट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय कंपनियों की तुलना भगवान हनुमान जी से की और कहा कि जैसे वे अपनी शक्ति भूल गए थे, वैसे ही हमारी कंपनियां उनकी क्षमता और ताकत पर भरोसा नहीं कर पा रही हैं।

सीतारमण का भारतीय कंपनियों से सवाल था कि जब विदेशी भारत को व्यापार के लिए सबसे अच्छी जगह ढूंढ रहे हैं, तो उन्हें किस बात का डर है। यदि वे अपनी क्षमता को पहचान कर कार्य करते हैं तो उन्हें अवश्य ही सफलता प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि भारत के लिए यह सुनहरा मौका है। सरकार उद्योगों की राय सुनने को तैयार है। हमें यह मौका नहीं गंवाना चाहिए।

वित्त मंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने टैक्स ब्रेक और प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) जैसी नीतियां लागू की हैं. ध्यान रहे कि सरकार ने पिछले साल ऑटोमोबाइल समेत 14 सेक्टरों के लिए इस योजना को लागू किया था। इसके जरिए मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने और आयात बिल कम करने का प्रयास किया जा रहा है।

सीतारमण ने कहा कि अगले 25 वर्षों के दौरान भारत को अपने कार्यबल के बेहतर उपयोग की दिशा में काम करना चाहिए। श्रम बल पर पीएलआई योजना का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा गया है। सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पीएलआई जैसे उपायों के कारण, कई और व्यवसाय अपने विनिर्माण कार्यों को चीन से भारत में स्थानांतरित करने पर विचार कर रहे हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय कंपनियों को अपनी ताकत पहचाननी होगी और सरकार की नीतियों पर भरोसा करना होगा. जब वह कुछ करने की हिम्मत जुटाएंगी तो सरकार उनका साथ देगी। लेकिन जब हम कुछ नहीं करेंगे तो लक्ष्य कैसे प्राप्त होगा। कंपनियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए। 

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