तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के इलाज में गड़बड़ी होने से इंकार

जयललिता के ट्रीटमेंट केस में अपोलो को मिली क्लीन चिट, पैनल बोला- पहले से कई बीमारियों से थीं ग्रसित

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जयललिता के ट्रीटमेंट केस में अपोलो को मिली क्लीन चिट,
एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती होने से पहले जयललिता डायबटीज, चक्कर आने, सूजन, चिड़चिड़ेपन, हाइपोथायरायड और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों से ग्रसित थीं। 

तमिलनाडु-  तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की मौत को लेकर कई सवाल उठ रहे थे। कहा जा रहा था कि उनके इलाज के दौरान लापरवाही बरती गई, जिसके चलते उनकी मौत हो गई। इस बीच एम्स के डॉक्टरों के पैनल ने अपनी रिपोर्ट पेश की है।  पैनल ने कहा है कि “पूर्व सीएम का इलाज सही चिकित्सा पद्धति के हिसाब से हुआ था और उनकी देखभाल में किसी प्रकार की खामी नहीं पाई गई। 30 नवंबर, 2021 को जयललिता के मौत का कारण जानने के लिए न्यायमूर्ति अरुमुगासामी आयोग की सहायता के लिए छह सदस्यी पैनल गठित किया गया था। 

जयललिता के ट्रीटमेंट केस में अपोलो को मिली क्लीन चिट,

तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे.जयललिता  के इलाज के मामले में  अपोलो हॉस्पिटल्स  को बड़ी राहत मिली है।  सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित एम्स के पैनल ने तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के इलाज में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने से इंकार किया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टरों के एक पैनल ने पूर्व मुख्यमंत्री के ट्रीटमेंट केस में अपोलो हॉस्पिटल्स को क्लीन चिट दे दी है। 

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रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल में भर्ती कराने से पहले जांच में डॉक्टरों ने पाया कि जयललिता अपने होश में नहीं। उनका ब्लड प्रेशर और नब्ज भी अस्थिर थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 22 सितंबर, 2016 को सीएम हाउस में एंबुलेंस बुलाई गई थी।  पैनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि जयललिता का अपोलो अस्पताल में सही तरीके से इलाज चल रहा था। उन्हें चार दिसंबर, 2016 को कार्डिएक अरेस्ट पड़ा था। इसके बाद पांच दिसंबर को अपोलो और एम्स के डॉक्टरों की टीम ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।  

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पैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल में भर्ती होने से पहले जयललिता अंगूर, केक और मिठाइयां खा रहीं थीं। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. संदीप सेठ के नेतृत्व में बने पैनल ने अपोलो अस्पताल के मेडिकल रिकॉर्ड्स की छानबनी की। इसके साथ ही रेडियोलॉजी से संबंधित जांच के रिकॉर्ड भी खंगाले गए।  डॉ. शिवकुमार ने 19 सितंबर, 2016 को जयललिता के स्वास्थ्य की जांच की थी। बीमार होने के बाद जयललिता को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती होने से पहले जयललिता डायबटीज, चक्कर आने, सूजन, चिड़चिड़ेपन, हाइपोथायरायड और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों से ग्रसित थीं। 


 

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