मन की बात में मोदी बोले- आने वाली पीढ़ियों की चिंता हो तो खुद सामर्थ्य आ जाता है

नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेडियो पर मन की बात कार्यक्रम के 92वें एपिसोड के जरिए देश के लोगों को संबोधित कर रहे हैं। जल संरक्षण पर बोलते हुए मोदी ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों की चिंता हो तो सामर्थ्य खुद ही आ जाता है। यहां तक की विदेशी मेहमानों ने भी मोटे अनाज से बने व्यंजन की तारीफ की है। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले मन की बात कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि उस दौरान देश के नागरिकों से सारे अधिकार छीन लिए गए थे, उसमें जीने का अधिकार भी शामिल था। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के उस समय जैसा तानाशाही का दूसरा उदाहरण दुनिया में मिलना मुश्किल है।इमरजेंसी का जिक्र किया था।
इस प्रोग्राम में आजादी में भाग लेने वाले अनसुने नायक-नायिकाओं की गाथा के बारे में बताया गया है।मोदी ने आगे कहा कि देश में मोटे अनाज के प्रति लोगों का लगाव बढ़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों सूचना प्रसारण मंत्रालय के एक प्रोग्राम स्वराज में जाने का मौका मुझे मिला। मैं आप सबसे अपील करता हूं कि इस प्रोग्राम को जरूर देखें।
PM ने कहा कि जब हम, हर सुबह इस सपने के साथ जग रहे होते, कि मेरा हिंदुस्तान कब आजाद होगा और हो सकता है हमारे जीवन में वो भी दिन आता जब वंदेमातरम और भारत मां की जय बोलते हुए, हम आने वाली पीढ़ियों के लिए, अपना जीवन समर्पित कर देते, जवानी खपा देते। यह 'मन की बात' का 92वां एपिसोड है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले मन की बात कार्यक्रम में आजादी के महत्व को समझाते हुए कहा अगर हम गुलामी के दौर में पैदा हुए होते, तो, इस दिन की कल्पना हमारे लिए कैसी होती?