सिद्धारमैया का भाजपा पर पलटवार: बोले- नॉन वेज खाकर मंदिर नहीं गया
सिद्धारमैया ने कहा- हर व्यक्ति को अपनी पसंद का खाना खाने का हक है
![यह मेरी आदत है, जबकि कुछ लोग मांस नहीं खाते हैं,](https://theinknews.com/static/c1e/client/96874/uploaded/2b7cfe0802095fae93b0179e186379f4.webp)
बेंगलुरु - 18 अगस्त को उन्होंने कर्नाटक के कोडलीपेट के बसवेश्वर मंदिर में कथित रूप से मांसाहार खाने के बाद प्रवेश किया था। भाजपा के वरिष्ठ विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने सिद्धारमैया को चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था कि यदि सिद्धारमैया में हिम्मत है, तो वे सूअर का मांस खाकर मस्जिद जाकर दिखाएं। यह मेरी आदत है, जबकि कुछ लोग मांस नहीं खाते हैं, यह उनकी आदत है।बेंगलुरु में मीडिया से चर्चा में सिद्धारमैया ने कहा, 'क्या मांस खाना कोई मुद्दा है? हर व्यक्ति की भोजन की अपनी आदत है। मैं शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का खाना खाता हूं।
सिद्धारमैया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह देश के प्रमुख मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए विवाद पैदा करने की कोशिश कर रही है। इस पार्टी के पास और कोई काम नहीं है। हालांकि, खाने में चिकन करी थी, लेकिन मैंने केवल बांस करी और अक्की रोटी खाई थी।' कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने रविवार को कहा था कि वे मांसाहारी हैं और यह उनकी खाने की आदत है। पूर्व सीएम ने कहा, 'मांस खाना कोई कोई मसला नहीं है। कई लोग बिना मांस खाए मंदिर जाते हैं और कई खाकर चले जाते हैं। कई जगहों पर देवताओं को मांस चढ़ाया जाता है। सच कहूं तो मैंने उस दिन मांस नहीं खाया था।
कांग्रेस नेता व कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने सफाई दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे नॉन वेज मांसाहार खाकर मंदिर नहीं जाते हैं। भाजपा ने बीते दिनों आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेता मांसाहार खाकर मंदिर जाते हैं। उन्होंने किसी की धार्मिक भावना नहीं भड़काई है। इससे पूर्व 18 अगस्त को उन्होंने कर्नाटक के कोडलीपेट के बसवेश्वर मंदिर में कथित रूप से मांसाहार खाने के बाद प्रवेश किया था। पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने 'नॉन वेज विवाद' कोई मुद्दा नहीं है और हर व्यक्ति को अपनी पसंद का खाना खाने का हक है।