आय से अधिक संपत्ति मामले में तिहाड़ जेल में बंद ओमप्रकाश चौटाला को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली जमानत

87 साल के ओमप्रकाश चौटाला तिहाड़ जेल में बंद सबसे उम्रदराज कैदी हैं
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OP CHAUTALA
आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में 26 मार्च 2010 को सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि 24 मई 1993 से 31 मई 2006 तक अपने पद पह रहते हुए ओमप्रकाश चौटाला ने आय से ज्यादा संपत्ति कमाई. सीबीआई के मुताबिक उनके पास 6.09 करोड़ रुपये की संपत्ति ऐसी थी जिसका वो सोर्स नही बता सके. चौटाला के पास आय से 189.11 फ़ीसदी संपत्ति ज्यादा थी.

नई दिल्ली - आय से अधिक संपत्ति मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल(Tihar Jail) में बंद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला(Omprakash Chautala) को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi Highcourt)से जमानत मिल गई है. ओमप्रकाश चौटाला के वक़ील की तरफ से 5 जुलाई को सीबीआई कोर्ट(CBI Special Court) के फैसले को हाइकोर्ट में चुनौती दी गई थी. जिसमें उन्हें 4 साल की सजा सुनाई गई थी. हालांकि याचिका की सुनवाई चलती रहेगी. 

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बता दें कि ओमप्रकाश चौटाला को बीती 26 मई को दिल्ली में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 4 साल की सजा सुनाई थी और उनपर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. इसके साथ ही उनकी 4 प्रोपर्टी को जब्त भी किया गया था. 87 साल के ओमप्रकाश चौटाला तिहाड़ जेल में बंद सबसे उम्रदराज कैदी हैं. 

क्या है मामला? 

आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में 26 मार्च 2010 को सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि 24 मई 1993 से 31 मई 2006 तक अपने पद पह रहते हुए ओमप्रकाश चौटाला ने आय से ज्यादा संपत्ति कमाई. सीबीआई के मुताबिक उनके पास 6.09 करोड़ रुपये की संपत्ति ऐसी थी जिसका वो सोर्स नही बता सके. चौटाला के पास आय से 189.11 फ़ीसदी संपत्ति ज्यादा थी. चौटाला के खिलाफ पीएमएलए(Prevention of Money Laundering Act)  के तहत ईडी(Enforcement Directorate) ने जांच शुरू की थी. ED ने बताया था कि पद पर रहते हुए चौटाला ने आय से ज्यादा कमाई की और उसका इस्तेमाल संपत्तियां खरीदने में किया.

कौन है ओमप्रकाश चौटाला?

पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के घर 1 जनवरी 1935 को  सिरसा जिले के चौटाला गांव में ओमप्रकाश चौटाला का जन्म हुआ. ओमप्रकाश चौटाला 7 बार विधायक व पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री के पद पर रहे हैं. 2 दिसबंर 1989 को उनके पिता चौधरी देवीलाल के मुख्यमंत्री पद छोड़ उपप्रधानमंत्री बनने पर पहली बार मुख्यमंत्री बने थे. वे 22 मई 1990 तक इस पद पर रहे. 12 जुलाई 1990 को चौटाला ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद को शपथ ली थी, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता को दो माह में ही पद से हटा दिया गया था. हालांकि चौटाला को भी पांच दिन बाद ही पद से त्यागपत्र देना पड़ा था. 22 अप्रैल 1991 को तीसरी बार चौटाला ने सीएम पद संभाला. लेकिन दो हफ्ते बाद ही केंद्र सरकार ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था.

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1993 में उन्होंने नरवाना उपचुनाव जीता. 1996 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने हरियाणा लोक दल (राष्ट्रीय) के नाम से नई पार्टी बनाई. 1998 में लोकसभा के मध्यावधि चुनाव में बसपा से गठबंधन कर हरियाणा में पांच लोकसभा सीटें जीती. इसके बाद उनके दल को मान्यता मिली। इसके बाद उनकी पार्टी का नाम बदलकर इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) कर दिया गया. 24 जुलाई 1999 में चौटाला ने चौथी बार सीएम पद संभाला. दिसंबर 1999 में उन्होंने विधानसभा भंग करवा दी और विधानसभा चुनाव के बाद दो मार्च 2000 को चौटाला पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने. उसके बाद चौटाला पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहे.

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