शिंदे कैबिनेट में जगह न मिलने पर पंकजा मुंडे बोलीं- शायद मैं काबिल नहीं या फिर नेताओं ने मुझे काबिल नहीं समझा

शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे की महाराष्ट्र सरकार के गठन के 40 दिन बाद मंत्रिमंडल का विस्तार 
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शिंदे कैबिनेट
शिंदे मंत्रिमंडल का सीएम पद के लिए एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम पर देवेंद्र फडणवीस की शपथ के 41 वें दिन मंगलवार को विस्तार किया गया था। इसमें शिवसेना के बागी शिंदे गुट और भाजपा के नौ-नौ मंत्री, इस तरह कुल 18 मंत्री बनाए गए हैं। पंकजा मुंडे का बयान आने के बाद उनके समर्थकों की नाराजगी और बढ़ गई है। विस्तार को लेकर पंकजा मुंडे दो दिनों तक खामोश रहीं, लेकिन रक्षाबंधन के मौके पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी।

मुंबई- शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे की महाराष्ट्र सरकार के गठन के 40 दिन बाद मंत्रिमंडल का पहला विस्तार हो ही गया। सरकार गठन के बाद से ही बीजेपी और एकनाथ शिंदे गुट के बीच मंत्री बनने को लेकर काफी खींचतान चल रही थी। यही कारण था कि मंत्रिमंडल के विस्तार में इतना ज्यादा वक्त लग गया। इसमें 18 नए मंत्री बनाए गए हैं।  शिंदे मंत्रिमंडल का सीएम पद के लिए एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम पर देवेंद्र फडणवीस की शपथ के 41 वें दिन मंगलवार को विस्तार किया गया था। इसमें शिवसेना के बागी शिंदे गुट और भाजपा के नौ-नौ मंत्री, इस तरह कुल 18 मंत्री बनाए गए हैं।

शिंदे कैबिनेट

उद्धव ठाकरे सरकार गिरने के बाद एकनाथ शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राजभवन में मंत्रियों को शपथ दिलाई। हालांकि अभी विभागों का बंटवारा नहीं हुआ है। उनके साथ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद से राज्य सरकार सिर्फ इन दोनों नेताओं के आसरे चल रही थी।

महाराष्ट्र में शिंदे सरकार बनने के 40 दिन बाद मंत्रिमंडल का गठन हो गया। लेकिन हैरानी तो तब हुई जब मंत्रिमंडल में किसी महिला को शामिल नहीं किया गया। महाराष्ट्र सरकार काफी आलोचना हुई। वहीं अब भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने अपनी अनदेखी पर खुलकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि शायद वह काबिल नहीं इसलिए उनको मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली।

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मैराथन मंथन के बाद भाजपा और शिंदे गुट के 9-9 विधायकों को मंत्री बनाने का फैसला किया गया। यह निर्णय सोमवार को ही नई दिल्ली में हो गया था। दरअसल, भाजपा शिंदे गुट के बागी विधायकों को किसी भी कीमत पर नाराज नहीं करना चाहती थी। उसे डर था कि अगर मंत्री पद न मिलने से नाराज होकर बागी विधायकों ने घर वापसी कर ली तो उनकी सरकार गिर जाएगी। 


साथ ही कहा कि उनको कैबिनेट में शामिल करने के बारे में और कुछ नहीं कहना है।उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं ने मुझे कैबिनेट के काबिल ही नहीं समझा। मुंडे के बयान के बाद उनके समर्थक आक्रामक हो सकते हैं और महाराष्ट्र में सियासत गरमा सकती है। जब उनका मन करेगा तब देंगे।  एकनाथ शिंदे कैबिनेट में एक भी महिला न होने को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की नेता सुप्रिया सुले ने मंगलवार को सत्ताधारी पार्टियों पर निशाना साधा। सुले ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक भी महिला को कैबिनेट में जगह नहीं मिली। शिंदे मंत्रिमंडल में एक भी महिला ना होने पर महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने निराशा जाहिर की थी।

शिंदे कैबिनेट

देश की पचास फीसदी आबादी महिलाओं की है और एक भी महिला को कैबिनेट में जगह न मिलना हैरान करता है। उन्होंने कहा कि यह फैसला दिखाता है कि वे महिलाओं का सम्मान नहीं करते।  वहीं पंकजा मुंडे भाजपा की एक ऐसी नेता थीं जिनकी शिंदे-फडणवीस सरकार के कैबिनेट विस्तार में जगह मिलने की चर्चा थी, हालांकि, ऐसा नहीं हुआ।  मुंडे का बयान आने के बाद उनके समर्थकों की नाराजगी और बढ़ गई है। वहीं सरकार के विस्तार को लेकर पंकजा मुंडे दो दिनों तक खामोश रहीं, लेकिन रक्षाबंधन के मौके पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी।


 

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