गुलाम नबी आजाद और भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुलाकात पर सियासी उबाल, सैलजा ने लिखा कार्रवाई के लिए पत्र

शोकॉज नोटिस जारी करने की मांग, हुड्‌डा बोले- गुलाम नबी मेरे दोस्त, प्रभारी बंसल-हाईकमान को भेजेंगे लेटर

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Political boil over Azad and Hooda meeting
लंबी चली बैठक में हुई बातचीत बाहर नहीं निकल पाई, लेकिन गुलाम नबी के कांग्रेस से आजाद होने के बाद कांग्रेस के 3 दिग्गज नेताओं की उनसे मुलाकात ने कांग्रेस में खलबली मची दी।

रेवाड़ी- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा और कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके गुलाम नबी आजाद की मुलाकात को लेकर हरियाणा कांग्रेस में सियासी उबाल आ गया है। हर दिन सवाल खड़े कर रहे हैं।  बता दें कि कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर के पूर्व CM गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया था। साथ ही शोकॉज नोटिस जारी करने की मांग की है। हर दिन सवाल खड़े कर रहे हैं। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल को लिखे पत्र में कहा कि गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर लगातार निशाना साध रहे हैं। ऐसे व्यक्ति से भूपेंद्र सिंह हुड्डा क्यों मिले। करीब 2 घंटे तक चारों नेताओं के बीच बैठक हुई थी। गुलाम नबी और हुड्‌डा की दोस्ती काफी पुरानी है। हरियाणा का प्रभारी रहते समय हुड्‌डा और आजाद की यह दोस्ती और ज्यादा गहरी हो गई।

Political boil over Azad and Hooda meeting

कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले G-23 ग्रुप में शामिल बड़े नेताओं में भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा भी शामिल रहे है। हुड्‌डा 2005 से लेकर 2014 लगातार दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसके लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी होना चाहिए। 2 दिन पहले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री आनंद शर्मा और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने नई दिल्ली में गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की थी। फरवरी 2021 में G-23 ग्रुप द्वारा गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में कश्मीर में हुए शक्ति प्रदर्शन में भी भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा, आंनद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण सहित तमाम नेता शामिल हुए थे।

Political boil over Azad and Hooda meeting


 

10 साल हरियाणा का मुख्यमंत्री रहते हुए भी भूपेन्द्र सिंह हुड्‌डा और कुमारी सैलजा की कभी नहीं बनी। कुमारी सैलजा को सोनिया गांधी का करीबी माना जाता है, लेकिन हुड्‌डा ने दबाव बनाकर सैलजा की प्रदेशाध्यक्ष से छुट्‌टी करा दी। हरियाणा में इसके अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी भी हुड्‌डा विरोधी गुट में हैं।  बावजूद इसके सैलजा कभी खुलकर कुछ नहीं बोलीं, लेकिन अब गुलाम नबी आजाद से मुलाकात के बाद सैलजा हुड्‌डा पर हमलावर हो गई हैं।

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4 माह पहले हुड्‌डा ने कुमारी सैलजा को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद से हटवा कर अपने चहेते चौधरी उदयभान को प्रदेशाध्यक्ष बनवा दिया था। विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई ने खुली बगावत कर दी थी। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अजय मकान के खिलाफ वोट डालने के साथ ही विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया था। हरियाणा में चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा और कुमारी सैलजा आपस में धुर विरोधी हैं।  कुलदीप आदमपुर से विधायक थे और एक माह पहले ही उन्होंने भाजपा जॉइन की है। 

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