Dera chief Ram Rahim :जेल से बाहर आया राम रहीम है नकली! हाईकोर्ट में याचिका दायर

राम रहीम एक महीने की पेरोल पर रिहा है
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RAM RHEEM
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के गांव बरनावा के आश्रम में रह रहा है डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम.

चंडीगढ़ - रोहतक की सुनारिया जेल(Sunarian Dham Prison, Rohtak) में बलात्कारी बाबा राम रहीम(Rapist) को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. सिरसा में स्थित डेरा के समर्थकों ने हाईकोर्ट में याचिका दी है कि जेल से रिहा किया गया राम रहीम असली नहीं है. याचिका में कहा गया है कि पैरोल(Parole) पर आए राम रहीम असली नहीं है. याचिकाकर्ता के अनुसार डेरा प्रमुख के हाव भाव असली राम रहीम जैसे नहीं है. इसके साथ याचिका में सरकार पर इल्जाम लगाया गया है कि असली डेरा प्रमुख को राजस्थान(Rajasthan) में कहीं शिफ्ट कर दिया गया है. डेरा समर्थकों की तरफ से दायर याचिका में हाईकोर्ट से इस मामले में सरकार से जांच करवाने की मांग की गई है. सोमवार को इस मामले को लेकर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट(Punjab & Haryana High Court) में सुनवाई होगी.

एक महीने को पेरोल पर बाहर है डेरा प्रमुख

बता दें कि हरियाणा सरकार की ओर से डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को पैरोल दी गई है. रोहतक की सुनारिया जेल में कैद गुरमीत राम रहीम को एक महीने की पैरोल पर छोड़ा गया है. खबरों के मुताबिक 17 जून को राम रहीम जेल से बाहर आया और वह पैरोल अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में स्थित आश्रम में रह रहा है. यह आश्रम बागपत के बरनावा गांव स्थित है. 

समर्थकों से मिल रहा है

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को पैरोल पर एक महीना के लिए रिहा करने पर एक वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हो रही है. इस वीडियो में डेरा प्रमुख बागपत के बरनावा में मौजूद अपने आश्रम में समर्थकों से मिल रहा है. इसके साथ ही राम रहीम डेरा सच्चा सौदा मैनजेमेंट के अधिकारियों के साथ भी बैठक कर रहा है.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बागपत में मौजूद गुरमीत राम रहीम का आश्रम हरियाणा के सिरसा के बाद दूसरा बड़ा आश्रम है. सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि अपनी पैरोल अवधि में गुरमीत राम रहीम यहीं रहेगा. 2017 में दुष्कर्म के कई मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद बाबा राम रहीम कड़ी सुरक्षा के बीच रोहतक की सुनारिया जेल में कैद है. अभी उसे एक महीने की पैरोल पर रिहा किया गया है.

क्या होती है पैरोल


भारतीय न्याययिक व्यवस्था में पैरोल है अर्थ है, कोई भी अपराधी को जो अपने खुद के द्वारा किये गए अपराध की सजा जेल में एक बड़ा हिस्सा काटने के बाद उसे अच्छे आचरण के चलते उसे अस्थायी तौर पर रिहा किया जाता है. यह रिहाई कुछ निश्चित अवधि के लिए होती है जिसे कोर्ट में याचिका दायर कर इसकी अवधि को बढ़ाया जा सकता है. पैरोल किसी भी अपराधी को मिल सकती है, अगर किसी अभियुक्त का केस कोर्ट में चल रहा है तो वह संबंधित कोर्ट में अपील कर पैरोल ले सकता है, वहां भी पैरोल नहीं मिलने पर अभियुक्त ऊपर की कोर्ट में याचिका दायर कर पैरोल ले सकता है.

लेकिन अगर अभियुक्त पर अपराध साबित हो चुका है तो न्यायाधीश के आदेश पर उसे जेल में कैद किया जाता है, इस दौरान पैरोल पर रिहा करने का अधिकार जेल प्रशासन को ही होता है. बशर्ते अपराधी का आचरण अच्छा या पारिवारिक विशेष घटना हो.

भारतीय न्याययिक व्यवस्था में पैरोल दो प्रकार की होती है

◆ कस्टडी पैरोल(Custody Parole)
◆रेगुलर पैरोल(Regular Parole)

कस्टडी पैरोल(Custody Parole): इस पैरोल में कैदी को किसी विशेष अवसर पर ही कुछ घण्टों के लिए अस्थायी तौर से रिहा किया जाता है. लेकिन इस दौरान वह पुलिस की सुरक्षा घेरे में रहेगा ताकि अपराधी मौके से भाग न पाए. बता दें कि इस पैरोल की अवधि सिर्फ़ 6 घण्टे ही होती है जिसके लिए जेल सुपरिंटेंडेंट के पास आवेदन देना होता है.

रेगुलर पैरोल(Regular Parole): रेगुलर पैरोल उस स्थिति में दी जा सकती है अगर कोई अपराधी जो अपनी सजा का कम से कम एक साल जेल में काट चुका हो और जेल में उसका आचरण अच्छा रहा हो. इसके साथ ही यह भी चेक किया जाता है कि इससे पूर्व पैरोल में अपराधी ने कोई अन्य अपराध न किया हो. रेगुलर पैरोल कम से कम एक महीने की दी जा सकती है और इसमें अपराधी पुलिस सुरक्षा के बिना रह सकता है.

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