बिजली संशोधन बिल पर घमासान : सुखबीर बादल बोले- किसान यूनियनों से चर्चा करें केंद्र सरकार

बिल को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेजने की उठाई मांग 
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संयुक्त किसान मोर्चा ने  संसद के मानसून सत्र में बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को पेश करने और पारित करने के खिलाफ केंद्र सरकार को चेतावनी दी। किसान संगठन ने कहा कि यह उसके संज्ञान में आया है कि सरकार की ओर से संसद के मौजूदा मानसून सत्र में बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को पारित कराने की संभावना है और केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पहले ही विधेयक को मंजूरी दे दी है
केंद्र और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) में सहमति बनी थी कि किसानों पर असर डालने वाले बिजली संशोधन बिल के प्रावधानों पर संयुक्त किसान मोर्चा से चर्चा होगी। केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों पर बवाल हो चुका है।

चंडीगढ़- केंद्र सरकार के बिजली संशोधन बिल पर बवाल शुरू हो गया है। सुखबीर ने कहा कि बिल पर राज्य, किसानों और किसान संगठनों से चर्चा की जाए। इसके लिए बिल को वापस लिया जाए। बिल को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेजने की मांग की है । जहां सभी तरह के ऑब्जेक्शन सुनकर उनको हल किया जा सके। शिरोमणि अकाली दल  के प्रधान सुखबीर बादल ने इस बारे में PM नरेंद्र मोदी को चिट्‌ठी लिखी है। 

संयुक्त किसान मोर्चा ने  संसद के मानसून सत्र में बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को पेश करने और पारित करने के खिलाफ केंद्र सरकार को चेतावनी दी। किसान संगठन ने कहा कि यह उसके संज्ञान में आया है कि सरकार की ओर से संसद के मौजूदा मानसून सत्र में बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को पारित कराने की संभावना है और केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पहले ही विधेयक को मंजूरी दे दी है

संयुक्त किसान मोर्चा ने  संसद के मानसून सत्र में बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को पेश करने और पारित करने के खिलाफ केंद्र सरकार को चेतावनी दी। किसान संगठन ने कहा कि यह उसके संज्ञान में आया है कि सरकार की ओर से संसद के मौजूदा मानसून सत्र में बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को पारित कराने की संभावना है और केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पहले ही विधेयक को मंजूरी दे दी है। 

केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों पर बवाल हो चुका है। सिंघु बॉर्डर पर चले किसान आंदोलन खत्म करते वक्त भी केंद्र और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) में सहमति बनी थी कि किसानों पर असर डालने वाले बिजली संशोधन बिल के प्रावधानों पर संयुक्त किसान मोर्चा से चर्चा होगी।  उससे पहले इसे संसद में पेश नहीं किया जाएगा। 

्रग्रगग

किसान यूनियनों ने इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन किया। जो 378 दिन चला। इसके बाद केंद्र को यह कानून वापस लेने पड़े थे। बिजली संशोधन बिल को लेकर भी किसान आशंका जताते रहे हैं। यदि बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को पेश / पारित किया जाता है तो एसकेएम ने तत्काल बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी विरोध का आह्वान किया है। एसकेएम ने कहा- एसकेएम 9 अगस्त को बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति द्वारा देशव्यापी प्रदर्शनों के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन का पूरी तरह से समर्थन करता है। 



 

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