पात्रा चॉल घोटाला: संजय राउत की कस्टडी आज खत्म, ED करेगी कस्टडी बढ़ाने की मांग

1,034 करोड़ का घोटाला होने का आरोप, इस केस में संजय राउत की नौ करोड़  व राउत की पत्नी वर्षा की दो करोड़ की संपत्ति जब्त 
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रिमांड कॉपी के मुताबिक, जांच में यह भी सामने आया है कि पात्रा चॉल के रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के दौरान संजय राउत की पत्नी की कंपनी 'अवनी इन्फ्रास्ट्रक्चर' ने 2010-11 में अलीबाग के किहिम बीच पर 8 कांट्रैक्ट के तहत 10 लैंड पार्सल खरीदे। ये कॉन्ट्रैक्ट स्वप्ना पाटकर और वर्षा राउत के नाम से किए गए थे। पाटकर ने अपने बयान में कहा है कि इन जमीनों को खरीदने के बदले विक्रेताओं को नकद भुगतान किया गया था और इस नकद भुगतान का स्रोत प्रवीण राउत हैं।
ED ने बताया कि संजय राउत ने 10 प्लॉट खरीदने के लिए 3 करोड़ रुपए कैश दिए थे। संजय राउत को ये कैश प्रवीण राउत की ओर से मिला था। ED के मुताबिक, संजय राउत के लिए प्रवीण 'फ्रंटमैन' की तरह थे। वो संजय राउत को हर महीने लाखों रुपए कैश भी भेजते थे। इसी 3 करोड़ के नए खुलासे को आधार बनाते हुए ED जमानत का विरोध और कस्टडी बढ़ाने की मांग करेगी।

मुंबई- शिवसेना सांसद संजय राउत की कस्टडी आज  खत्म हो रही है। कोर्ट में आज उनकी जमानत पर सुनवाई होगी। ED के वकील प्रोवेशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट में उनकी जमानत का विरोध करेगी और कस्टडी बढ़ाने की मांग करेगी। ED प्रवीण राउत, HDIL, गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन से जुड़े कुछ और लोगों को पूछताछ के लिए बुलाएगी। मामले में संजय राउत से जुड़े लोगों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। कुछ और संपत्तियां जो संजय राउत और उनके परिवार द्वारा हाल ही में खरीदी या कब्जा की गई हैं, एजेंसी की जांच के दायरे में हैं। हालांकि, राउत और उनके भाइयों ने इसके स्वामित्व से इनकार किया है।

रिमांड कॉपी के मुताबिक, जांच में यह भी सामने आया है कि पात्रा चॉल के रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के दौरान संजय राउत की पत्नी की कंपनी 'अवनी इन्फ्रास्ट्रक्चर' ने 2010-11 में अलीबाग के किहिम बीच पर 8 कांट्रैक्ट के तहत 10 लैंड पार्सल खरीदे। ये कॉन्ट्रैक्ट स्वप्ना पाटकर और वर्षा राउत के नाम से किए गए थे। पाटकर ने अपने बयान में कहा है कि इन जमीनों को खरीदने के बदले विक्रेताओं को नकद भुगतान किया गया था और इस नकद भुगतान का स्रोत प्रवीण राउत हैं।

पात्रा चॉल घोटाले की जांच कर रही ED ने बताया कि संजय राउत ने 10 प्लॉट खरीदने के लिए 3 करोड़ रुपए कैश दिए थे। संजय राउत को ये कैश प्रवीण राउत की ओर से मिला था। ED के मुताबिक, संजय राउत के लिए प्रवीण 'फ्रंटमैन' की तरह थे। वो संजय राउत को हर महीने लाखों रुपए कैश भी भेजते थे। इसी 3 करोड़ के नए खुलासे को आधार बनाते हुए ED जमानत का विरोध और कस्टडी बढ़ाने की मांग करेगी।


आरोप है कि रियल एस्टेट कारोबारी प्रवीण राउत ने पात्रा चॉल में रह रहे लोगों से धोखा किया। एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस भूखंड पर 3,000 फ्लैट बनाने का काम मिला था। इनमें से 672 फ्लैट पहले से यहां रहने वालों को देने थे। शेष MHADA और उक्त कंपनी को दिए जाने थे, लेकिन साल 2011 में इस विशाल भूखंड के कुछ हिस्सों को दूसरे बिल्डरों को बेच दिया गया था।

रिमांड कॉपी के मुताबिक, जांच में यह भी सामने आया है कि पात्रा चॉल के रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के दौरान संजय राउत की पत्नी की कंपनी 'अवनी इन्फ्रास्ट्रक्चर' ने 2010-11 में अलीबाग के किहिम बीच पर 8 कांट्रैक्ट के तहत 10 लैंड पार्सल खरीदे। ये कॉन्ट्रैक्ट स्वप्ना पाटकर और वर्षा राउत के नाम से किए गए थे। पाटकर ने अपने बयान में कहा है कि इन जमीनों को खरीदने के बदले विक्रेताओं को नकद भुगतान किया गया था और इस नकद भुगतान का स्रोत प्रवीण राउत हैं।


इधर, सूत्रों ने बताया कि रविवार को संजय राउत के घर की तलाशी के दौरान ED को साढ़े ग्यारह लाख रुपए नकद मिले हैं। राउत या उनके परिवार के लोग इस रकम का सोर्स नहीं बता सके हैं। ED ने इस रिकवरी को अपनी जांच में दर्ज कर लिया है। पात्रा चॉल घोटाला 1,043 करोड़ रुपए का है। राउत इस केस में आरोपी हैं।


यह मामला मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल से जुड़ा है। यह महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी का भूखंड है। इसमें करीब 1,034 करोड़ का घोटाला होने का आरोप है। इस केस में संजय राउत की नौ करोड़ रुपए और राउत की पत्नी वर्षा की दो करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त हो चुकी है।

रिमांड कॉपी के मुताबिक, जांच में यह भी सामने आया है कि पात्रा चॉल के रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के दौरान संजय राउत की पत्नी की कंपनी 'अवनी इन्फ्रास्ट्रक्चर' ने 2010-11 में अलीबाग के किहिम बीच पर 8 कांट्रैक्ट के तहत 10 लैंड पार्सल खरीदे। ये कॉन्ट्रैक्ट स्वप्ना पाटकर और वर्षा राउत के नाम से किए गए थे। पाटकर ने अपने बयान में कहा है कि इन जमीनों को खरीदने के बदले विक्रेताओं को नकद भुगतान किया गया था और इस नकद भुगतान का स्रोत प्रवीण राउत हैं।

रिमांड कॉपी के मुताबिक, जांच में यह भी सामने आया है कि पात्रा चॉल के रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के दौरान संजय राउत की पत्नी की कंपनी 'अवनी इन्फ्रास्ट्रक्चर' ने 2010-11 में अलीबाग के किहिम बीच पर 8 कांट्रैक्ट के तहत 10 लैंड पार्सल खरीदे। ये कॉन्ट्रैक्ट स्वप्ना पाटकर और वर्षा राउत के नाम से किए गए थे। पाटकर ने अपने बयान में कहा है कि इन जमीनों को खरीदने के बदले विक्रेताओं को नकद भुगतान किया गया था और इस नकद भुगतान का स्रोत प्रवीण राउत हैं।

ED के मुताबिक, संजय राउत ने PMLA की धारा 50 के तहत दर्ज अपने बयान में चॉल परियोजना में प्रवीण राउत के शामिल होने की जानकारी से इनकार किया। उन्होंने कहा कि वे प्रवीण के संपर्क में 2012-13 में आए थे। उनकी पत्नी और प्रवीण राउत की पत्नी एक दूसरे को जानती थीं। उनके कारण ही वे प्रवीण राउत से मिले थे।


 

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