सुब्रमण्यम स्वामी को 6 हफ्ते के अंदर घर खाली करने के आदेश!

दिल्ली। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी को सुरक्षा खतरों के कारण 2016 में दिया गया सरकारी आवास खाली करना होगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार (14 सितंबर 2022) को यह निर्देश दिया है। स्वामी ने इस सरकारी बंगले को फिर से आवंटित करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में एक अर्जी दाखिल की थी।
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने आवेदन में लुटियंस क्षेत्र में स्थित सरकारी बंगले को फिर से आवंटित करने की मांग की थी। इसमें कहा गया कि वह 15 जनवरी 2016 से इस बंगले में रह रहे हैं. अब अप्रैल 2022 में जब उनका राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त हुआ तो भाजपा नेता ने सुरक्षा का हवाला देते हुए इस बंगले को दोबारा आवंटित करने की मांग की. केंद्र सरकार ने उनकी याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि मंत्रिपरिषद और न्यायाधीशों की संख्या में वृद्धि के लिए सरकारी आवास की आवश्यकता है।
गृह मंत्रालय की ओर से पेश संजय जैन ने कोर्ट से कहा कि सरकार आवास में रहने की समय सीमा नहीं बढ़ा सकती है. सुरक्षा एजेंसियां निजामुद्दीन पूर्व में स्वामी के निजी आवास पर अपनी सेवाएं देंगी। जैन ने अदालत को यह भी बताया कि सार्वजनिक परिसर अधिनियम के तहत मालिक को परिसर का अनधिकृत कब्जाधारी घोषित किया गया है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को 6 हफ्ते के भीतर सरकारी बंगले का कब्जा संपत्ति अधिकारी को सौंपने का निर्देश दिया है. स्वामी को 2016 में केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में एक सरकारी बंगला इस धारणा के कारण आवंटित किया गया था कि उनका जीवन खतरे में है। यह बंगला उन्हें 5 साल के लिए आवंटित किया गया था।
अप्रैल 2022 में अपना राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने पर उन्होंने बंगला आवंटित करने के लिए फिर से दिल्ली उच्च न्यायालय में एक आवेदन दायर किया। उन्होंने अपने आवेदन में फिर से सुरक्षा का हवाला दिया है। हालांकि कोर्ट ने अब उन्हें 6 हफ्ते के अंदर सरकारी बंगला खाली करने का निर्देश दिया है. आपको बता दें कि स्वामी अक्सर मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते रहे हैं. हाल ही में उन्होंने एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों की वापसी की खबरों पर केंद्र सरकार पर तंज कसा कि चीनी इस खबर को लेकर मोदी सरकार पर हंस रहे हैं. दरअसल, हाल ही में खबर आई थी कि गोगरा-हॉट स्प्रिंग पेट्रोल प्वाइंट 15 के इलाके से भारतीय और चीनी सैनिक पीछे हटने लगे हैं।