सुखबीर बादल ने 11 जजों की नियुक्ति पत्र पर खड़े किए सवाल

बोले- 11 जजों में एक भी सिख जज नहीं , इस नाइंसाफी को वापस ले
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Sukhbir Badal raised questions on appointment letter of 11 judges
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में 11 जजों की नियुक्ति की गई। इनमें निधि गुप्ता, संजय वशिष्ठ, त्रिभुवन दहिया, नमित कुमार, हरकेश मनूजा, अमन चौधरी, नरेश सिंह, हर्ष, जगमोहन बंसल, दीपक मनचंदा और आलोक जैन शामिल हैं।

चंडीगढ़- इस साल देश के सभी हाईकोर्ट में अब तक 138 नए जजों की नियुक्ति की जा चुकी है, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इलाहाबाद, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुवाहाटी, उड़ीसा और हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालयों में 26 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई थी।  इससे पहले 2016 में 126 न्यायाधीशों की नियुक्ति हुई थी। कानून मंत्री किरण रिजिजू ने नए जजों की सूची को ट्वीट कर सभी को बधाई दी है। राष्ट्रपति ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के 11 एडवोकेट को हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त करने के आदेश जारी किया। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 13 एडवोकेट के नामों की सिफारिश की थी।

Sukhbir Badal raised questions on appointment letter of 11 judges

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जिन वरिष्ठ एडवोकेट को अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया है, उनमें निधि गुप्ता, संजय वशिष्ठ, त्रिभुवन दहिया, नमित कुमार, हरकेश मनुजा, अमन चौधरी, नरेश सिंह, हर्ष बंगर, जगमोहन बंसल, दीपक मनचंदा और आलोक जैन शामिल हैं।सूत्रों के मुताबिक एडवोकेट एचएस बराड़ और कुलदीप तिवारी के नाम पर फिलहाल मुहर नहीं लगी है।लेकिन अब नए जजों की नियुक्ति पर अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने नियुक्ति पत्र पर सवाल खड़े किए। सुखबीर बादल ने कहा कि सिर्फ गैर सिख जजों की नियुक्ति से सिख आहत होंगे। अकाली दल ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में ज्यादातर केस सिख समुदाय से जुड़े होते हैं। 

Sukhbir Badal raised questions on appointment letter of 11 judges


हालांकि इस पर केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने साफ कहा था कि जजों की नियुक्ति में धर्म के आधार पर किसी तरह का रिजर्वेशन नहीं है। इससे पहले संगरूर से शिअद अमृतसर के सांसद सिमरनजीत मान सुप्रीम कोर्ट में सिख जज न होने का मुद्दा उठा चुके हैं। उन्होंने लोकसभा में यह बात उठाई थी। इसके बावजूद इस तरह का फैसला किया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय इसमें हस्तक्षेप करे और इस नाइंसाफी को वापस ले। उन्होंने कहा कि 11 जजों में एक भी सिख जज नहीं है। देश की आजादी की लड़ाई में 80% कुर्बानियां देने वाली सिख कौम को स्वतंत्रता दिवस पर यह कैसा तोहफा दिया गया है?


 

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