Supertech Twin Towers - आज ढहाई जाएगी 40 मंजिला इमारत, जानें कौन सी तकनीक होगी इस्तेमाल

दोनों टावर्स को गिराने में करीब 4 हजार किलो बारूद इस्तेमाल किया जाएगा
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दिग्जय रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक एमराल्ड(Supertech Emerald) ने नोएडा की अपनी रेजिडेंशियल सोसाइटी में 1 हजार फ्लैट्स वाले 40 मंजिला 2 ट्विन टावर बनाए थे. निर्माण में अनियमितता बरते जाने की बात सामने आई. जांच हुई तो दोनों टावर्स का कंस्ट्रक्शन रूल्स के मुताबिक नहीं था.

नोएडा - नोएडा के सेक्टर-93A में मौजूद रियल स्टेट कंपनी Supertech एमराल्ड(Supertech Emerald) के ट्विन टावर्स(Twin Towers) को रविवार, 28 अगस्त यानी आज ढहाया जाएगा. दोनों टावर्स को गिराने में करीब 4 हजार किलो बारूद इस्तेमाल किया जाएगा और सिर्फ 9 सेकेंड में पूरी बिल्डिंग अपनी ही जगह पर गिर जाएगी.

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इन दोनों टावर्स को इम्प्लोजन(Implosion) तकनीक के जरिये गिराया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इन्हें गिराया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले 21 अगस्त को टावर्स को गिराने के आदेश दिए गए थे लेकिन नोएडा अथॉरिटी के निवेदन पर सुप्रीम कोर्ट ने आज की तारीख दी थी.

क्या है मामला

दिग्जय रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक एमराल्ड(Supertech Emerald) ने नोएडा की अपनी रेजिडेंशियल सोसाइटी में 1 हजार फ्लैट्स वाले 40 मंजिला 2 ट्विन टावर बनाए थे. निर्माण में अनियमितता बरते जाने की बात सामने आई. जांच हुई तो दोनों टावर्स का कंस्ट्रक्शन रूल्स के मुताबिक नहीं था. RWA(Resident Welfare Association) ने सुपरटेक कंपनी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की. साल 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टॉवर्स को गिराने का आदेश दे दिया. हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया. 

जांच हुई तो सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई. दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई भी हुई. सोसाइटी बनाने के लिए ग्रीन बेल्ट की जमीन पर अवैध कब्जे का खुलासा हुआ. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए ट्विन टावर्स को गिराने का अंतिम आदेश जारी कर दिया.

कोर्ट ने कहा कि फ्लैट मालिकों को उनका पैसा वापस दिया जाएगा और सुपरटेक कंपनी टावर्स को गिराने में आने वाले खर्चे को उठाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2021 को कहा कि दोनों टावर्स को 3 महीने के अंदर गिराया जाए. इसके बाद तारीख को आगे बढ़ाकर 22 मई 2022 किया गया. लेकिन तैयारी पूरी नहीं होने के कारण तयशुदा वक्त पर टावर्स नहीं गिराए गए. सुप्रीम कोर्ट ने सम्बंधित एजेंसियों को मोहलत दी. जिसके बाद आज ये दोनों टावर्स गिराए जाएंगे.


इम्प्लोजन तकनीक क्या है?

दरअसल इम्प्लोजन अंग्रजी के शब्द Implode से बना है जिसका मतलब होता जा प्रत्यारोपण. Explosion के उदाहरण से समझते हैं. Explosion का मलतब बाहर की ओर विस्फोट होना. यानी Explosion के बाद चीजें बाहर की ओर फैलती हैं. Implosion इसके उलट है यानी चीजें अंदर की ओर आती हैं.

ब्लास्ट का डिजाइन साउथ अफ्रीका की कंपनी Zet Abolition ने तैयार किया है. उन्हीं की निगरानी में ये ब्लास्ट किए जाएंगे. पूरी प्रक्रिया में शुरआती तोड़ फोड़ इस तरह की जाती है कि बिल्डिंग कावजन कम हो जाये. हर धमाके के साथ बिल्डिंग के वर्टिकली नीचे धंसे और मलबा बिल्डिंग के एरिया से बाहर न गिरे.

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सुपरटेक के ट्विन टावर्स को गिराने की जिम्मेदारी एडिफिश कंपनी(Edifice Company) को दी गई है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय ब्लास्टर चेतन दत्ता(Indian Blaster Chetan Datta) फाइनल बटन दबाएंगे जिसके बाद महज 9 सेकेंड में 40 मंजिला ट्विन टावर्स गिर जाएंगे.

बिल्डिंग को गिराने की प्रोसेस के बारे में बात करते हुए चेतन दत्ता ने बताया, "यह एक सिंपल प्रोसेस होगी. हम डायनमो से करंट पैदा करते हैं और फिर बटन दबाते हैं. जो सभी शॉक ट्यूब्स(shock tubes) में डेनोनेटर को एक्टिवेट करेगा. महज 9 सेकेंड में सभी डेनोनेटर एक्टिवेट हो जाएंगे और पूरी बिल्डिंग एक साथ गिर जाएगी."

उन्होंने आगे बताया, "हम बिल्डिंग से लगभग 50-70 मीटर दूर रहेंगे. इसमें कोई खतरा नहीं होगा और हमें पूरा यकीन है कि बिल्डिंग सही तरीके से ढह जाएगी. ब्लास्टिंग वाला एरिया लोहे की जाली की 4 लेयर और कंबल की 2 लेयर्स से ढका हुआ होगा. बिल्डिंग का मलबा तो नहीं उड़ेगा लेकिन धूल उड़ सकती है."

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जानकारी के मुताबिक विस्फोट के समय वाइब्रेशन को कम करने के लिए एक इम्पैक्ट कुशन डिज़ाइन(Impact Cushion Design) किये गए हैं. डिमोलिशन के बाद लगभग 35 हजार क्यूबिक मलबा निकलेगा. इतना मलबा साफ होने में कम से कम 3 महीने लगेंगे.

सुपरटेक ट्विन टावर्स के गिरने पर बगल वाले एमराल्ड कोर्ट(Emerald Court) व एटीएस विलेज सोसायटी(ATS Village Society) के लगभग 5 हजार लोग प्रभावित होंगे. 28 अगस्त की सुबह सभी को जल्दी अपना घर खाली करना होगा और अधिकारियों की मंजूरी के बाद ही शाम को वापस लौटने की अनुमति होगी.

इसके अलावा आसपास की अन्य सोसायटी के सभी लोगों को मास्क, चश्मा पहनने व डिमोलिशन के दौरान बाहर जाने से बचने के लिए कहा गया है. सख्त निर्देश हैं कि इन सोसायटी से कोई भी बाहर निकलकर फोटो व वीडियोग्राफी नहीं करेगा. आपात स्थिति में पड़ोस के फेलिक्स अस्पताल में करीब 50 बेड रिजर्व किए गए हैं.

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