ट्वीटर का सरकार पर वार, किसान आंदोलन से जुड़े ट्वीट डिलीट करने का दबाव डाला गया!

हाईकोर्ट में ट्वीटर ने सरकार पर जड़े अभिव्यक्ति की आज़दी दबाने के आरोप
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किसान आंदोलन
ट्विटर ने कर्नाटक हाईकोर्ट को बताया कि दिल्ली की सीमा पर हुए किसान आंदोलन के दौरान उसे कई खातों को बंद करने का निर्देश दिया गया था। सोमवार(26 सितंबर) को ट्विटर ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में बताया कि ट्विटर अकाउंट्स को ब्लॉक करने का निर्देश सरकार द्वारा दिया गया था। जोकि संविधान के अनुच्छेद 19A के तहत भारतीय नागरिकों को मिलने वाली अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है।

बंगलौर।   ट्विटर ने कर्नाटक उच्च न्यायालय को बताया कि उसे दिल्ली सीमा पर किसानों के आंदोलन के दौरान कई खातों को बंद करने का निर्देश दिया गया था। ट्विटर ने सोमवार (26 सितंबर) को कर्नाटक हाई कोर्ट को बताया कि ट्विटर अकाउंट्स को ब्लॉक करने का निर्देश सरकार ने दिया है. जो संविधान के अनुच्छेद 19ए के तहत भारतीय नागरिकों को दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है।

केंद्र सरकार द्वारा ट्विटर को जारी निर्देशों के खिलाफ फरवरी 2021 से जून 2022 के बीच दायर एक याचिका पर हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा था. ट्विटर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद एस दातार ने अदालत में दलील दी कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 खातों को अवरुद्ध करने का प्रावधान नहीं करती है।

मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस कृष्णा एस. ट्विटर ने दीक्षित की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि जब तक ट्विटर के दिशा-निर्देशों का बार-बार उल्लंघन नहीं किया जाता, तब तक खातों को ब्लॉक नहीं किया जा सकता है। कुछ मामलों में ट्वीट्स हटाए जा सकते हैं।टिकेट

सुनवाई के दौरान बताया गया कि किसान आंदोलन के दौरान प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इसे कवर कर रहा था, लेकिन आंदोलन से जुड़ी जानकारी, न्यूज को ट्विटर हटाने को कहा गया. खासतौर पर उन अकाउंट्स को ब्लॉक करने को कहा जो आंदोलन से जुड़ी खबरें ट्वीट कर रहे थे।

ट्विटर की ओर से पेश वकील ने कर्नाटक उच्च न्यायालय को यह भी बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो खातों को बल्क ब्लॉक करने की अनुमति देता है। बल्क डिलीट ऑर्डर केवल ट्वीट्स पर लागू होता है। इस मामले में अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी।

वहीं केंद्र सरकार का तर्क है कि ये आदेश देश और जनता के हित में दिए गए थे. लिंचिंग और भीड़ की हिंसा को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।

आपको बता दें कि ट्विटर ने जुलाई में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए आदेश को चुनौती देते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख किया था। द इकोनॉमिक टाइम्स ने ट्विटर के हलफनामे पर लिखा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 2 फरवरी, 2021 से 28 फरवरी, 2022 के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से 1,474 अकाउंट, 256 URL, 175 ट्वीट और एक हैशटैग को ब्लॉक करने का आदेश दिया था। 

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