पीएम मोदी आज करेंगे 'मन की बात' , सुबह 11 बजे रेडियो पर होगा प्रसारण

PM ने पिछली मन की बात में आजादी के महत्व को समझाया
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mann ki baat,
PM ने कहा कि जब हम, हर सुबह इस सपने के साथ जग रहे होते, कि मेरा हिंदुस्तान कब आजाद होगा और हो सकता है हमारे जीवन में वो भी दिन आता जब वंदेमातरम और भारत मां की जय बोलते हुए, हम आने वाली पीढ़ियों के लिए, अपना जीवन समर्पित कर देते, जवानी खपा देते।

नई दिल्ली-  प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह 11 बजे रेडियो पर 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित करेंगे।  मोदी ने बुधवार को लोगों से आज के 'मन की बात' के एपिसोड के लिए विचार और इनपुट साझा करने का आग्रह किया था। यह 'मन की बात' का 92वां एपिसोड है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले मन की बात कार्यक्रम में आजादी के महत्व को समझाते हुए कहा अगर हम गुलामी के दौर में पैदा हुए होते, तो, इस दिन की कल्पना हमारे लिए कैसी होती? सभी अद्भुत और ऐतिहासिक पल के गवाह बनने जा रहे हैं। ईश्वर ने हमें बड़ा सौभाग्य दिया है। 

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पीएम मोदी ने इमरजेंसी के समय को याद करते हुए कहा था कि सेंसरशिप की ये हालत थी कि बिना स्वीकृति कुछ भी छापा नहीं जा सकता था। उस दौरान भारत के लोकतंत्र को कुचल देने का प्रयास किया गया था। रेडियो पर से उनकी एंट्री ही हटा दी गई थी।देश की अदालतें, हर संवैधानिक संस्था, प्रेस, सब पर नियंत्रण लगा दिया गया था। मुझे याद है, तब मशहूर गायक किशोर कुमार जी ने सरकार की वाह-वाही करने से इनकार किया तो उन पर बैन लगा दिया गया था। गुलामी से मुक्ति की वो तड़प, पराधीनता की बेड़ियों से आजादी की वो बेचैनी - कितनी बड़ी रही होगी।

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PM ने कहा कि जब हम, हर सुबह इस सपने के साथ जग रहे होते, कि मेरा हिंदुस्तान कब आजाद होगा और हो सकता है हमारे जीवन में वो भी दिन आता जब वंदेमातरम और भारत मां की जय बोलते हुए, हम आने वाली पीढ़ियों के लिए, अपना जीवन समर्पित कर देते, जवानी खपा देते।प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले मन की बात कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि उस दौरान देश के नागरिकों से सारे अधिकार छीन लिए गए थे, उसमें जीने का अधिकार भी शामिल था। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के उस समय जैसा तानाशाही का दूसरा उदाहरण दुनिया में मिलना मुश्किल है।इमरजेंसी का जिक्र किया था। 

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