Supertech Twin Tower - कुतुब मीनार से ऊंची 40 मंजिला बिल्डिंग बनी मलबे का पहाड़, वीडियो आया सामने

नोएडा - नोएडा के सेक्टर-93A में मौजूद रियल स्टेट कंपनी Supertech एमराल्ड(Supertech Emerald) के ट्विन टावर्स(Twin Towers) को रविवार, 28 अगस्त यानी आज ढहा दिया गया. पलक झपकते ही ट्विन टावर्स मलबे के पहाड़ में तब्दील हो गए. इनको गिराने में 3900 किलो बारूद इस्तेमाल किया गया.
#WATCH | Once taller than Qutub Minar, Noida Supertech twin towers, reduced to rubble pic.twitter.com/vlTgt4D4a3
— ANI (@ANI) August 28, 2022
Apex व KN नामक टावर को सुपरटेक बिल्डर ने बनाया था. इनकी ऊंचाई करीब 320 थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इनको गिराया गया है. इनको गिराने की जिम्मेदारी एडिफिश(Edifice) कंपनी को दी गई थी. इन टावर्स के गिरने की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है.
अब क्या होगा?
नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक सुपरटेक की ट्विन टावर को गिराने के बाद पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, फुटपाथ, सेंट्रल वर्ज और पेड़-पौधों की धुलाई के लिए वॉटर टैंकर्स, मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन और सफाई कर्मचारी की तैनाती की गई है. नोएडा ऑथोरिटी ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में साफ सफाई के लिए 6 मेकेनिकल स्वीपिंग मशीन और 200 कर्मचारी काम पर लग गए हैं.
इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों पर, पार्क, सेंट्रल वर्ज, पेड़-पौधों की धुलाई के लिए 100 वाटर टैंकर की व्यवस्था भी की गई है. इस दौरान आसपास के इलाकों में मौजूद पेड़-पौधों पर जमी धूल को तुरंत हटाने का काम कुछ ही देर में शुरू कर दिया जाएगा. यह भी बताया गया है कि आने वाले कई दिनों तक इलाके में पानी का छिड़काव किया जाएगा. एहतियातन इन बिल्डिंग के आसपास सोसायटी में रहने वाले लोगों से घर का खाली करवा लिया गया था.
क्या है मामला
दिग्जय रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक एमराल्ड(Supertech Emerald) ने नोएडा की अपनी रेजिडेंशियल सोसाइटी में 1 हजार फ्लैट्स वाले 40 मंजिला 2 ट्विन टावर बनाए थे. निर्माण में अनियमितता बरते जाने की बात सामने आई. जांच हुई तो दोनों टावर्स का कंस्ट्रक्शन रूल्स के मुताबिक नहीं था.
RWA(Resident Welfare Association) ने सुपरटेक कंपनी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की. साल 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टॉवर्स को गिराने का आदेश दे दिया. हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया.
जांच हुई तो सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई. दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई भी हुई. सोसाइटी बनाने के लिए ग्रीन बेल्ट की जमीन पर अवैध कब्जे का खुलासा हुआ. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए ट्विन टावर्स को गिराने का अंतिम आदेश जारी कर दिया.
कोर्ट ने कहा कि फ्लैट मालिकों को उनका पैसा वापस दिया जाएगा और सुपरटेक कंपनी टावर्स को गिराने में आने वाले खर्चे को उठाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2021 को कहा कि दोनों टावर्स को 3 महीने के अंदर गिराया जाए. इसके बाद तारीख को आगे बढ़ाकर 22 मई 2022 किया गया. लेकिन तैयारी पूरी नहीं होने के कारण तयशुदा वक्त पर टावर्स नहीं गिराए गए. सुप्रीम कोर्ट ने सम्बंधित एजेंसियों को मोहलत दी. जिसके बाद आज ये दोनों टावर्स गिरा दिए गए.