मधुमक्खियों की हत्या का दर्ज हुआ केस, पुलिस प्रशासन हैरान

अलीगढ़. यूपी के अलीगढ़ जिलें के मडराक थाना इलाके के सिंघारपुर गांव में अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। जिसे सुनकर पुलिस भी असमंजस में पड़ गई है. यहां बीजेपी किसान मोर्चा के नेता हेमंत सारस्वत के खेत में पल रही करोड़ों मधुमक्खियों की अचानक मौत हो गई। नेताजी का आरोप है कि मिलावटी चीनी खाने से मधुमक्खियों की जान गई है। बीजेपी नेता ने थाने में तहरीर देकर जांच कराने की मांग की है।
शिकायत के मुताबिक बीजेपी नेता के खेत में 231 मधुमक्खी पालन के लिए पेटियां रखी हुई हैं. 30 मई को मधुमक्खियों के लिए भकरौला मोड़ स्थित दुकान से 4 बोरी चीनी खरीदी गई थी। मजदूरों ने मधुमक्खियों की पेटियों में चीनी डाल दी। इसके बाद आधा घंटे के अंदर मधुमक्खियों की मौत होना शुरू हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने मधुमक्खियों की मौत मामले में धारा 429 के तहत चीनी विक्रेता पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इधर, उद्यान विभाग को मौत का कारण जानने के लिए पत्र लिखा है और एफडीए को चीनी का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है।
देश-दुनिया में मधुमक्खियों को चीनी खिलाई जाती है। चीनी की चाशनी मधुमक्खियों का सबसे लोकप्रिय भोजन है. 1 भाग दानेदार चीनी और 1 भाग पानी के अनुपात में पतला चीनी का घोल लार्वा के पोषण के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
इसके साथ ही मधुमक्खी पालक विशेष कलाकंद और शुगर पाई का भी प्रयोग करते हैं. मधुमक्खियां प्राकृतिक स्रोतों से भी अपना भोजन प्राप्त करती हैं।
पराग की कमी होने पर मधुमक्खियों को परागपूरक भोजन दिया जाता है. सोयाबीन का आटा, पाउडर दूध, बेकिंग यीस्ट, पिसी हुई चीनी और शहद को मिलाकर दिया जाता है।
इसके अलावा मौसम के अनुरुप मधुमक्खियां अपना भोजन स्रोत बदलती रहती हैं. गर्मियों में मधुमक्खियों का भोजन स्त्रोतः तिल, मक्का, सूरजमुखी, बरसीम, तरबूज, खरबूज, खीरा, करेला, लोकी, इमली, कद्दू, बबुल, अर्जुन, अमलतास है।
ऑनलाइन रिपोर्ट्स के मुताबिक मधुमक्खियों को फॉर्म में खाने के तौर पर चीनी दी जाती है। ऐसे में अलीगढ़ में मधुमक्खियों की मौत पर सवाल उठता है:
क्या मधुमक्खी फॉर्म में किसी तरह की बीमारी तो नहीं फैल गई, जिससे मधुमक्खियों की मौत हुई हो ?
क्या ज्यादा मात्रा में तो चीनी नहीं दी गई, जिससे मधुमक्खियों की मौत हो गई?
इस मामले को लेकर पुलिस हैरान है और जांच में जुट गई है पुलिस का कहना है कि इस मामले में संबंधित विशेषज्ञों की भी मदद ली जाएगी।