पंजाब चीफ सेक्रेटरी की नियुक्ति को चुनौती: हाई कार्ट ने दो हफ्ते में मांगा में रिकॉर्ड

टीएस मिश्रा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी , दलील है कि जंजुआ के खिलाफ करप्शन केस पेंडिंग हैं
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पंजाब के चीफ सेक्रेटरी वीके जंजुआ मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब के चीफ सेक्रेटरी वीके जंजुआ मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार से 2 हफ्ते में जवाब मांगा है। पंजाब सरकार को उनसे जुड़े मामले के दस्तावेज पेश करने को कहा है। सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से नए एडवोकेट जनरल विनोद घई पेश हुए।

चंडीगढ़- हाईकोर्ट पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर रही थी लेकिन AG घई ने कहा कि जंजुआ की प्रमोशन नहीं बल्कि ट्रांसफर किया गया है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने पहले उनसे जुड़े पूरे मामले का रिकॉर्ड देने को कहा।टीएस मिश्रा ने वीके जंजुआ की चीफ सेक्रेटरी पद पर नियुक्ति और प्रमोशन को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। उनकी दलील है कि जंजुआ के खिलाफ करप्शन केस पेंडिंग है। ऐसे में उन्हें चीफ सेक्रेटरी बनान गाइडलाइंस का उल्लंघन है।


वीके जंजुआ को आम आदमी पार्टी की सरकार ने हाल ही में चीफ सेक्रेटरी लगाया था। अनिरुद्ध तिवारी को हटा जंजुआ को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। तिवारी को पिछली कांग्रेस सरकार ने चीफ सेक्रेटरी बनाया था। हालांकि आप सरकार ने करीब तीन महीने उनसे ही काम लिया।

 

पंजाब के चीफ सेक्रेटरी वीके जंजुआ मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट

 


वीके जंजुआ को डायरेक्टर इंडस्ट्रीज रहते हुए 9 नवंबर 2009 को कथित तौर पर 2 लाख रिश्वत लेते हुए विजिलेंस ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था। यह रकम लुधियाना के एक कारोबारी से लेने का दावा किया गया था। उसी दिन जंजुआ के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें पद से हटा दिया गया।

उन पर अकाली-भाजपा सरकार के वक्त यह केस हुआ थाI AS अफसर होने की वजह से उन पर केस चलाने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी नहीं ली गई थी। जिसके बाद 2018 में कैप्टन अमरिंदर सिंह के CM रहते कांग्रेस सरकार ने उन्हें क्लीन चिट दे दी। विजिलेंस ब्यूरो ने उनके खिलाफ केस की आगे पैरवी करने से इनकार कर दिया।

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