ट्रांसफर की धमकी मिली तो हाईकोर्ट के जज बोले- किसान का बेटा हूं, डरता नहीं किसी से

एसीबी अभी एक दागी एडीजीपी सीमांत कुमार सिंह के नेतृत्व में काम कर रही है - जस्टिस एचपी संदेश
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JUSTICE HP SANDESH
अगर मेरा ट्रांसफर किया जाएगा तो मैं इसके लिए तैयार हूं. मैं किसी से नहीं डरता. मैंने जज बनने के बाद कोई भी संपत्ति जमा नहीं की है. अगर मैं पद खो देता हूं. मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं किसान का बेटा हूं. मैं जमीन जोतने के लिए तैयार हूं.'

बेंगलुरु - भ्रष्टाचार की जड़ें हमारे सिस्टम में ऊपर तक फैली हुई हैं. इसका सनसनीखेज खुलासा खुद कर्नाटक हाईकोर्ट के जज ने किया है. कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) के जस्टिस एचपी संदेश(Justice HP Sandesh) ने बताया कि उन्हें धमकी मिली है कि अगर उन्होंने बेंगलुरु(Bengaluru) के डिप्टी कमिश्नर(Deputy Commissioner) से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले की जांच पर निगरानी रखी तो उनका ट्रांसफर करवा दिया जाएगा. खबरों के मुताबिक जस्टिस एचपी संदेश ने कहा कि उन्हें यह धमकी एंटी करप्शन ब्यूरो(Anti Corruption Bureau) को फटकार लगाए जाने के बाद मिली है. उन्होंने बताया कि एक सीनियर जज ने उन्हें कहा कि उनका ट्रांसफर हो सकता है. जिसके बाद उन्होंने कहा कि अगर लोगों की भलाई के लिए उनका ट्रांसफर हो भी जाता है तो वे इसके लिए तैयार हैं.

बेंगलुरु के डिप्टी कमिश्नर से जुड़ा है मामला

खबरों के मुताबिक पिछले दिनों बेंगलुरु शहर के डिप्टी कमिश्नर जे मंजूनाथ(J Manjunath) के कार्यकाल में एक डिप्टी तहसीलदार(Deputy Tehsildar) पीएस महेश(PS Mahesh) को एसीबी ने 5 लाख रुपए रिश्वत(Bribe) लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था. महेश के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. इसके बाद उनकी जमानत के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई. 30 जून को इस याचिका पर सुनवाई के दौरान आरोपी महेश ने अदालत को बताया कि उसने डिप्टी कमिश्नर मंजूनाथ के कहने पर रिश्वत ली थी.

इस पर जस्टिस एचपी संदेश की सविंधानिक बेंच ने कहा कि आरोपी महेश डिप्टी कमिश्नर का नाम ले रहे हैं फिर भी एसीबी की एफआईआर(FIR) में मंजूनाथ का नाम नहीं है. बेंच ने सवाल किया कि एसीबी क्यों मंजूनाथ को गिरफ्तार से बच रही है? इस दौरान जस्टिस संदेश ने एसीबी को भ्रष्टाचार का केंद्र और कलेक्शन सेंटर(ACB is Collection Centre of Corruption) कहा. जस्टिस ने ये भी कहा कि एसीबी अभी एक दागी एडीजीपी(Tainted Additional DGP) सीमांत कुमार सिंह(Simant Kumar Singh) के नेतृत्व में काम कर रही है.

कानूनी मामलों में एक प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी के मुताबिक जब इस मामले को लेकर सोमवार 4 जुलाई को फिर से सुनवाई हुई. सुनवाई करते हुए जस्टिस संदेश ने एसीबी के वकील को खूब खरी-खरी सुनाई. उन्होंने कहा,"मुझे बताया गया कि एंटी करप्शन ब्यूरो के एडीजीपी एक शक्तिशाली व्यक्ति हैं. मुझे इसके बारे में एक जज ने बताया है कि मुझे ट्रांसफर की धमकी(Transfer Threat) दी जाएगी. लोगों की भलाई के लिए अगर मेरा ट्रांसफर किया जाएगा तो मैं इसके लिए तैयार हूं. मैं किसी से नहीं डरता. मैंने जज बनने के बाद कोई भी संपत्ति जमा नहीं की है. अगर मैं पद खो देता हूं. मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं किसान का बेटा हूं. मैं जमीन जोतने के लिए तैयार हूं.' इसके साथ ही जस्टिस एचपी संदेश ने इस दौरान ये भी कहा कि वे किसी राजनीतिक दल(Political Party) से नहीं हैं. और किसी राजनीतिक विचारधारा का पालन नहीं करते हैं.

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