लड़की ने उत्तेजक कपड़े पहने हुए थे, ऐसा कहते हुए कोर्ट ने यौन शोषण के आरोपी लेखक को दी जमानत

आरोपी लेखक सिविक चंद्रन की उम्र 74 साल है
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सिविक चंद्रन के खिलाफ यौन उत्पीड़न के 2 मामले दर्ज हैं. पहला मामला एसटी(Schedule Tribe) से संबंध रखने वाली महिला ने दर्ज कराया था. उसने कहा था कि अप्रैल में एक बुक एग्जीबिशन मैं उसका यौन उत्पीड़न हुआ. मामला पुलिस में दर्ज हुआ वह चंद्रन को इस मामले में 2 अगस्त को जमानत दे दी गई थी.

तिरुवनंतपुरम - लेखक व सामाजिक कार्यकर्ता सिविक चंद्रन को केरल की एक कोर्ट ने यौन शोषण के मामले में जमानत दी है. कोझिकोड जिले की कोर्ट ने कहा कि जिस महिला ने सिविक चंद्रन पर आरोप लगाया था उसने उत्तेजक कपड़े पहने हुए थे. इसलिए प्रथम दृष्टया में लेखक पर यौन शोषण का केस नहीं बनता है. आरोपी लेखक ने कोर्ट(Kozhikode Session Court) में जमानत की फर्जी के साथ आरोप लगाने वाली महिला की तस्वीरें भी पेश की थीं. 

जिन्हें देखकर कोझीकोड सेशन कोर्ट ने कहा, "आरोपी द्वारा जमानत अर्जी के साथ पेश की गई तस्वीरों से पता चलता है कि शिकायतकर्ता खुद ऐसे कपड़े पहन रही हैं जो यौन उत्तेजक(Sexually Provocative Dresses) हैं. इसलिए आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 354A (यौन शोषण) लागू नहीं होगी.

आरोपी लेखक सिविक चंद्रन(Author Civic Chandran) की उम्र 74 साल है, इसे भी आधार बनाते हुए कोर्ट ने राहत देने की बात कही. कोर्ट ने कहा कि 74 साल का आदमी किसी महिला के साथ शारीरिक रूप से जबरदस्ती नहीं कर सकता. उसे जल्दी गोद में नहीं बैठा सकता और ना ही उसके स्तनों को दबा सकता है. कोर्ट ने कहा कि आईपीसी(Indian Penel Code) की धारा 354 में साफ-साफ लिखा है कि आरोपी का इरादा महिला की गरिमा भंग करने का होना चाहिए. इसके साथ ही धारा 354A में शारारिक संपर्क या सेक्सुअल फेवर्स जैसी चीजें होनी चाहिए.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिविक चंद्रन के खिलाफ यौन उत्पीड़न के 2 मामले दर्ज हैं. पहला मामला एसटी(Schedule Tribe) से संबंध रखने वाली महिला ने दर्ज कराया था. उसने कहा था कि अप्रैल में एक बुक एग्जीबिशन मैं उसका यौन उत्पीड़न हुआ. मामला पुलिस में दर्ज हुआ वह चंद्रन को इस मामले में 2 अगस्त को जमानत दे दी गई थी.

वहीं दूसरा मामला एक युवा लेखिका ने दर्ज कराया था. जिसने फरवरी, 2020 में आरोप लगाया था कि चंद्र ने उसका यौन उत्पीड़न किया. यह घटना भी एक बुक एग्जिबिशन में ही हुई थी. कोलांडी पुलिस ने चंदन के खिलाफ यौन शोषण का मामला दर्ज किया था. शिकायतकर्ता महिला ने कोर्ट में बताया कि आरोपी ने उसकी गरिमा भंग करने की कोशिश की थी.

दूसरी तरफ आरोपी के वकील ने तर्क दिया कि यह एक झूठा मामला है. आरोपी के खिलाफ कुछ दुश्मनों ने बदला लेने के लिए ये सब करवाया है. उन्होंने यह भी कहा कि कथित घटना के 6 महीने बाद मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट से फोटोज दिखाते हुए कहा कि घटना के समय महिला अपने बॉयफ्रेंड के साथ थीं और वहां कई लोग मौजूद थे. लेकिन किसी ने घटना का विरोध नहीं किया और नहीं देखा. इस मामले में कोर्ट ने शिकायतकर्ता महिला से सवाल किया कि उन्हें शिकायत दर्ज कराने में देरी क्यों हुई 

बता दें कि भारत का कानून यौन हिंसा से जुड़े मामलों को लेकर साफ कहता है कि यौन शोषण की शिकायत महिला घटना के बाद कभी भी कर सकती है. 1 घंटा, 1 दिन, 10 साल उसके बाद कभी भी. महिला ने देरी से रिपोर्ट की इसे आधार बनाकर जांच से इनकार नहीं किया जा सकता है. वहीं एक महिला कैसे कपड़े पहनती हैं इसके आधार पर उन्हें न्याय से वंचित नहीं किया जा सकता.

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