हाउसिंग प्रोजेक्ट के सीएलयू मामले में नवजोत सिद्धू की मुश्किलें बढ़ीं

1988 में हुए रोडरेज केस में सजा काट रहे हैं नवजोत सिंह सिद्धू 
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दूसरी ओर सिद्धू द्वारा लगाई गई अर्जी में यह कहा गया है कि उन्हें नहीं पता है कि कोई फाइल थी और वह गुम हो गई है। इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को गवाह के तौर पर बुलाया गया है। फिलहाल सिद्धू की तरफ से अदालत में अर्जी लगाकर गवाह के तौर पर उन्हें न शामिल करने का आवेदन किया गया है। पहले इसकी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए थी।
कोर्ट ने उन्हें मामले में एक वर्ष की सजा सुनाई है। वह पटियाला की केंद्रीय जेल में बंद हैं। नवजोत सिंह सिद्धू 1988
  में हुए रोडरेज केस मामले में सजा काट रहे हैं। 

लुधियाना - आरटीआई एक्टिविस्ट कुलदीप खैरा ने चार साल पहले गिल रोड के एक ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के निर्माण पर सवाल खडे़ करते हुए शिकायत दी थी। जिसका वीडियो वायरल हुआ था और सेखों को नगर निगम के पद से हटाकर कमांडो में तैनात कर दिया गया था। सेखों ने रिपोर्ट तैयार की जिसे मंत्री सिद्धू के पास सबमिट कर दिया गया था। शिकायत के बाद तत्कालीन स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने इस मामले की जांच डीएसपी बलविंदर सेखों को दी थी।

इस दौरान ही आशु व डीएसपी के बीच फोन पर बहस हुई थी। बाद में बर्खास्त डीएसपी बलविंदर सिंह सेखों ने ग्रैंड मैनर होम्स सीएलयू मामले की जांच से संबंधित उत्पीड़न और आपराधिक धमकी का आरोप लगाते हुए जनवरी 2020 में पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ अदालत का रुख किया था। सेखों ने अदालत में पुलिस को सरकारी कर्मचारी को काम के दौरान धमकाने, बाधा डालने और जान से मारने की धमकियां देने का केस दायर किया था।

दूसरी ओर सिद्धू द्वारा लगाई गई अर्जी में यह कहा गया है कि उन्हें नहीं पता है कि कोई फाइल थी और वह गुम हो गई है। इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को गवाह के तौर पर बुलाया गया है। फिलहाल सिद्धू की तरफ से अदालत में अर्जी लगाकर गवाह के तौर पर उन्हें न शामिल करने का आवेदन किया गया है। पहले इसकी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए थी।


अब कोर्ट की सुनवाई के दौरान बताया गया है कि सेखों की तरफ से सबमिट की गई फाइल गुम हो चुकी है। इस मामले को लेकर ही नवजोत सिंह सिद्धू के वकील की तरफ से इसके खिलाफ अदालत में अर्जी लगाई गई थी।इसी को लेकर उसे धमकाया गया था। इसे प्रमाणित करने के लिए ही उस समय कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को गवाह के तौर पर बुलाया गया था, ताकि इसे प्रमाणित किया जा सके। दूसरी ओर सिद्धू द्वारा लगाई गई अर्जी में यह कहा गया है कि उन्हें नहीं पता है कि कोई फाइल थी और वह गुम हो गई है। इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को गवाह के तौर पर बुलाया गया है। फिलहाल सिद्धू की तरफ से अदालत में अर्जी लगाकर गवाह के तौर पर उन्हें न शामिल करने का आवेदन किया गया है। पहले इसकी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए थी।

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लुधियाना में चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट ने पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ हाउस प्रोजेक्ट के सीएलयू मामले में गबन के आरोप के एक मामले में बतौर गवाह नवजोत सिंह सिद्धू को कोर्ट में पेश होने के लिए तलब किया है।पटियाला जेल में बंद पूर्व कांग्रेसी मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है।   फिलहाल सिद्धू की तरफ से अदालत में अर्जी लगाकर गवाह के तौर पर उन्हें न शामिल करने का आवेदन किया गया है।   हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू ने आने से मना कर दिया है। उनके वकील की तरफ से  कहा गया है कि उन्हें इस केस में नहीं बुलाया जा सकता है। 



 

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