मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित

14 जुलाई तक टली सुनवाई, जुबैर धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में जेल में है
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मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका सुनवाई स्थगित
जुबैर धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में न्यायिक हिरासत में है। यह मामला 2018 में उनके द्वारा किए गए एक ट्वीट पर आधारित है। इस ट्वीट में 1980 के दशक की एक फिल्म- 'किसी से ना कहना' का स्क्रीनशॉट शेयर किया था। दो जुलाई को जुबैर की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी और 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
 नई दिल्ली - Alt न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका पर मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट के सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई। बहस सुनने के बाद जज ने मामले की सुनवाई 14 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है।बहस के दौरान जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि किसी अज्ञात व्यक्ति के ट्वीट करने के कुछ ही घंटों के अंदर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली थी। दिल्ली पुलिस के वकील ने इस मामले में बहस करने के लिए समय मांगा और कोर्ट से मामले की सुनवाई 14 जुलाई को करने का आग्रह किया।

 

 

 

 

गौरतलब है कि मजिस्ट्रेटी अदालत ने दो जुलाई को जुबैर की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी और 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अदालत ने जुबैर के खिलाफ आरोपों की प्रकृति और गंभीरता का हवाला दिया था और कहा था कि मामला जांच के शुरुआती स्तर पर है। दालत ने जुबैर को हिरासत में पांच दिन की पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेजा था।
जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने इसका विरोध करते हुए कहा कि मामले को दो दिन के लिए टालना अन्याय है। उन्होंने कहा कि संभव हो तो मामले को कल तक के लिए स्थगित कर दिया जाए। हालांकि कोर्ट ने मामले की सुनवाई दो दिन टालते हुए अगली सुनवाई 14 जुलाई को तय की है।

जुबैर धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में न्यायिक हिरासत में है। यह मामला 2018 में उनके द्वारा किए गए एक ट्वीट पर आधारित है। इस ट्वीट में 1980 के दशक की एक फिल्म- 'किसी से ना कहना' का स्क्रीनशॉट शेयर किया था। जुबैर को दिल्ली पुलिस ने 17 जून को हिंदूफोबिया ट्वीट और संतों के अपमान तथा विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया था।

मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका सुनवाई स्थगित

गौरतलब है कि मजिस्ट्रेटी अदालत ने दो जुलाई को जुबैर की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी और 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अदालत ने जुबैर के खिलाफ आरोपों की प्रकृति और गंभीरता का हवाला दिया था और कहा था कि मामला जांच के शुरुआती स्तर पर है। दालत ने जुबैर को हिरासत में पांच दिन की पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेजा था।

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