मृतक कर्मचारी के आश्रित को नौकरी देना एक रियायत है, अधिकार नहीं - दिल्ली हाईकोर्ट

मृतक कर्मचारी के आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति उक्त नियम का अपवाद है
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याचिकाकर्ता ने अपने पति की मौत के बाद साल 2008 में योजना का लाभ मांगा, हालांकि प्रतिवादी(Opponent) HPCL द्वारा साल 2004 में योजना को वापिस ले लिया गया और बंद कर दिया. योजना के बंद होने के बारे में याचिकाकर्ता को इसकी जानकारी दी गई थी. पत्राचार के बावजूद याचिककर्ता ने इस योजना के लाभ की मांग की.

नई दिल्ली - हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के एक मृतक कर्मचारी के आश्रित परिवार को नौकरी देने के मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि मृतक कर्मचारी के आश्रित परिवार को नौकरी देना एक रियायत है अधिकार नहीं. जस्टिस चंद्रधारी सिंह(Justice Chander Dhari Singh) की सिंगल जज बेंच ने कहा, अनुकंपा के आधार पर रोजगार(Compassionate Employment) देने के पीछे पूरा उद्देश्य परिवार को अचानक संकट से उबरने में सक्षम बनाना है. मृतक कर्मचारी के आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति उक्त नियम का अपवाद है. यह एक रियायत है और अधिकार नहीं है." 

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इस मामले एचपीसीएल के एक कर्मचारी की पत्नी द्वारा याचिका दायर की गई थी. कर्मचारी की सेवा के दौरान सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. याचिका के माध्यम से मृतक की पत्नी यानी याचिकाकर्ता(Petitioner) ने HPCL(Hindustan Petroleum Corporation Limited) कर्मचारी सेवानिवृत्ति लाभ निधि योजना(Retirement Benefit Fund Scheme) के नियम 7बी(ii)/8ए के तहत अपने बेटे के लिए अनुकंपा रोजगार की मांग की थी. जिसके अनुसार वह उन लाभों की हकदार दी जोकि उसके मृतक पति को मिलता, यदि वह रिटायर हो गया होता.

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HPCL

याचिकाकर्ता ने अपने पति की मौत के बाद साल 2008 में योजना का लाभ मांगा, हालांकि ओप्पोनेंट(Opponent) HPCL द्वारा साल 2004 में योजना को वापिस ले लिया गया और बंद कर दिया. योजना के बंद होने के बारे में याचिकाकर्ता को इसकी जानकारी दी गई थी. पत्राचार के बावजूद याचिककर्ता ने इस योजना के लाभ की मांग की. इसके अलावा ओप्पोनेंट HPCL द्वारा याचिकाकर्ता को तीन योजनाओं में से चुनने का ऑप्शन दिया था जब उनसे अपने पति की मौत के बाद पहली बार संपर्क किया था. याचिकाकर्ता ने अपनी इच्छा से नियम 7बी(ii)/8ए के तहत बेनिफिट्स के ऑप्शन चुना था. जब वह योजना के तहत लाभ नहीं उठा सकी तो उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

याचिकाकर्ता ने शिक्षा निदेशक(माध्यमिक) बनाम पुष्पेंद्र कुमार(Director of Education (Secondary) Vs Pushpendra Kumar), 1998 5 SCC 192 पर भरोसा किया. जहां सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि अनुकंपा रोजगार देने का प्रावधान मृतक कर्मचारी(Deceased Employee) के परिवार को रोटी कमाने वाले कि मृत्यु के कारण अचानक संकट से उबरने के लिए है, जिसने परिवार को गरीबी में  छोड़ दिया है. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने योजना के 7बी(ii)/8ए के तहत बेनेफिट(Benefits) लेने के बाद अपने बेटे के लिए अनुकम्पा रोजगार की मांग करते हुए ओप्पोनेंट HPCL से संपर्क किया था. यह पाया गया है कि ओप्पोनेंट निगम द्वारा उसे दिए गए अन्य ऑप्शन्स को छोड़ने के बाद वह बाद के लेवल में बेनेफिट लेने की मांग नहीं कर सकती.

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