तिहाड़ जेल को लेकर साकेत कोर्ट का बड़ा फैसला!

जानिए क्या है तिहाड़ जेल प्रशासन को लेकर कोर्ट के नए आदेश
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तिहाड़
दिल्ली के तिहाड़ जेल में अफसरों के दफ्तर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। दिल्ली की एक अदालत ने जेल अधिकारियों के हाथों पिटाई के बारे में कैदियों द्वारा आरोपों के मद्देनजर तिहाड़ जेल के डीजी को सुपरिंटेंडेंट और डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के ऑफिस में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया है।

साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सोनू अग्निहोत्री एक कैदी मोनू द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें आरोप लगाया गया था कि इस साल मार्च में लोहे के झूले पर बांधकर एक घंटे से अधिक समय तक तिहाड़ जेल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के दफ्तर के अंदर उसे पीटा गया था।

दिल्ली के तिहाड़ जेल में अफसरों के दफ्तर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। दिल्ली की एक अदालत ने जेल अधिकारियों के हाथों पिटाई के बारे में कैदियों द्वारा आरोपों के मद्देनजर तिहाड़ जेल के डीजी को सुपरिंटेंडेंट और डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के ऑफिस में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा कि तिहाड़ जेल में कैदी मोनू की पिटाई के आरोप दो बार सामने आए थे और अन्य मामलों में भी इसी तरह के आरोप लगाए गए थे। अदालत का कहना था कि जेल के वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने से न केवल उनके खिलाफ झूठे आरोप दूर होंगे बल्कि ऐसे कार्यालयों के कामकाज में पारदर्शिता भी दिखाई देगी।

अदालत ने कहा कि यहां ऑडियो रिकॉर्डिंग करने की बात नहीं की जा रही है। कोर्ट ने कहा है कि जो भी रिकॉर्डिंग होंगी, उन पर जेल अधिकारियों का पूरा कंट्रोल होगा। अफसरों के दफ्तरों में कैमरे इसलिए लगाए जाएंगे, ताकि भविष्य में ऐसे किसी भी आरोप की सच्चाई कोर्ट के सामने आ सके और इससे कोर्ट का समय बच सके। कोर्ट ने कहा कि जेल अधिकारियों का बहुत समय और ऊर्जा भी अफसरों के दफ्तरों के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाने से बचेगी।कोर्ट ने कहा कि हम ऑडियो रिकॉर्डिंग पर जोर नहीं दे रहे हैं। लेकिन अगर गणमान्य व्यक्ति अपने कामकाज के सिलसिले में इन दफ्तरों का दौरा करते हैं तो भी इस दफ्तरों में इसे इंस्टाल न करने का एक कारण नहीं होना चाहिए।

 

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