बढ़ती महंगाई का असर, RBI को भी महंगा पड़ रहा है नोट छापना, जानिए 200 रुपये से 500 रुपये के नोटों को छापने पर आता है कितना खर्च

200 रुपये का नोट छापना 500 रुपये की तुलना में कहीं ज्‍यादा महंगा हो गया है
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NOTES
वित्तीय वर्ष(Financial year) 2020-21 में 50 रुपये के हजार नोट छापने के लिए 920 रुपये करने पड़ते थे जोकि 2021-22 में 23 फीसदी बढ़कर 1,130 रुपये पर गए हैं।

दिल्ली: देश में दिन-ब-दिन बढ़ती महंगाई से खाने पीने से लेकर रोजमर्रा की जरूरत की चीजों के रेट भी आसमान छू रहे हैं। ऐसे में आम आदमी की जेब तो ढीली हो ही रही है, साथ में देश के सबसे बड़े बैंक यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) को भी नोट छापना महंगा पड़ रहा है। हाल ही में आरटीआई(Right to Information Act 2005) के जवाब में खुलासा हुआ है कि 200 रुपये के नोट छापने की लागत (Currency Printing Rate) 500 रुपये के मुकाबले ज्यादा आ रही है। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने सभी नोटों को छापने में होने वाले खर्चे के बारे में भी बताया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में एक आरटीआई के जवाब में पता चला है कि 200 रुपये का नोट छापना 500 रुपये की तुलना में कहीं ज्‍यादा महंगा हो गया है। इसके साथ ही आरबीआई ने बताया कि इन दिनों 10 रुपये के नोट को छापना 20 रुपये के मुकाबले महंगा हो गया है। इसकी वजह कागज की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी(Incresing rates of Paper) है। इसके अलावा आरबीआई के ये भी बताया कि 2 हजार रुपये का नोट छापना लगभग बंद कर दिया है।

आरटीआई के जवाब में खुलासा हुआ है कि 10 रुपये के 1 हज़ार नोट छापने में आरबीआई को तक़रीबन 960 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। 20 रुपये के 1 हज़ार नोट छापने के लिए 950, 50 रुपये के लिए 1 हज़ार नोट के लिए 1,130 रुपये, 100 रुपये के 1 हज़ार नोट के लिए 1,770 रुपये, 200 रुपये के 1 हज़ार नोट के लिए 2,370 व 500 रुपये के 1 हज़ार नोट छापने के लिए आरबीआई को 2,290 रुपये खर्च करने पड़ते हैं।


बढ़ती महंगाई के चलते इन नोटों की लागत में भी उछाल देखने को मिला है। आरटीआई के जवाब में पता चला है कि सबसे ज्यादा असर 50 रुपये के नोट पर पड़ा है। आरबीआई के मुताबिक, वित्तीय वर्ष(Financial year) 2020-21 में 50 रुपये के हजार नोट छापने के लिए 920 रुपये करने पड़ते थे जोकि 2021-22 में 23 फीसदी बढ़कर 1,130 रुपये पर गए हैं। वहीं आरबीआई ने बताया है कि इसका सबसे कम असर 20 रुपये के नोट पर पड़ा है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 20 रुपये के 1 हज़ार नोट छापने पर खर्च 940 रुपये था, जोकि अब बढ़कर 950 रुपये हो गया है। इस दौरान 500 रुपये के नोट पर कोई असर देखने को नहीं मिला है।

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