जिस वक्त कल आप सो रहे थे तब NASA ने दुनिया को बचा लिया! देखें वीडियो

Dimorphos नाम के इस ऐस्टरोइड का आकार एक फुटबॉल स्टेडियम जितना बड़ा था
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रिपोर्ट्स के मुताबिक पृथ्वी से करीब 1.1 करोड़ किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में एक ऑब्जेक्ट पर इतना सटीक निशाना लगाने का ये कारनामा पहली बार हुआ है. इसकी खुशी NASA के वैज्ञानिकों के चेहरों पर साफ देखने को मिली.

नई दिल्ली - अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA(National Aeronautics Space Administration) ने पृथ्वी की तरफ बढ़ रहे एक ऐस्टरोइड को अंतरिक्ष में ही सफलतापूर्वक निशाना बनाकर इतिहास रच दिया है. Dimorphos नाम के इस ऐस्टरोइड का आकार एक फुटबॉल स्टेडियम जितना बड़ा था. हालांकि इससे पृथ्वी को  कोई खतरा नहीं था. 

लेकिन भविष्य में किसी बड़े ऐस्टरोइड के खतरे को ध्यान में रखते हुए NASA ने इस मिशन को अंजाम दिया है. उसने DART(Double Asteroid Redirection Test) नाम का स्पेसक्राफ्ट तैयार कर उसकी डिफ़ॉर्मस से टक्कर कराई है. बता दें कि ऐस्टरोइड यानी क्षुद्रग्रह किसी भी गृह के आकार से छोटे व उल्कापिंड से बड़े होते हैं. 


मंगलवार 27 सितंबर को दिए DART को जानबूझकर ऐस्टरोइड पर क्रैश कराया गया. स्पेस साइंस के इतिहास में ऐसा कारनामा पहली बार हुआ है. कहा जा रहा है कि इस मिशन की सफलता से भविष्य में अंतरिक्ष से आने वाले ऐसे खतरों को लेकर एक डिफेंस सिस्टम तैयार करने के रास्ते खुल गए हैं. DART या इसी के जैसे दूसरे टूल्स की मदद से खतरनाक ऐस्टरोइड को अंतरिक्ष में ही खत्म कर दिया जाएगा या उनकी दिशा बदल दी जाएगी. 

भारतीय समयानुसार देर रात NASA ने इस मिशन की लाइव स्ट्रीमिंग की. DART पर लगे कैमरे से साफ दिख रहा था कि स्पेसक्राफ्ट डिफ़ॉर्मस के नजदीक पहुंच गया है और उससे टकराने वाला है. क्रैश होते ही लाइव स्ट्रीमिंग रुक जाती है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक पृथ्वी से करीब 1.1 करोड़ किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में एक ऑब्जेक्ट पर इतना सटीक निशाना लगाने का ये कारनामा पहली बार हुआ है. इसकी खुशी NASA के वैज्ञानिकों के चेहरों पर साफ देखने को मिली. DART के ऐस्टरोइड से टकराते ही वे एक-दूसरे को बधाई देते दिखे और तालियां बजाते नजर आए.

एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार DART को अमेरिका की स्पेसक्राफ्ट निर्माता कंपनी स्पेसएक्स(SpaceX) के रॉकेट से लॉन्च किया गया था. एलन मस्क(Elon Musk) इस कंपनी के फाउंडर है. हालांकि मिशन को NASA के निर्देशों पर अंजाम दिया गया. उसने DART को ऐस्टरोइड तक पहुंचने में कोई गलती नहीं की. ये बात इस मिशन की कामयाबी को खास बनाती है.

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