तालिबान सरकार बनने के बाद, भारत का पहला अफगान दौरा

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के काबिज होने के बाद पहला भारतीय दौरा आज
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तालिबान
अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के काबिज होने के बाद पहली बार भारत की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल आज काबुल में है। इस दौरे का मकसद वहां मानवीय सहायता उपलब्ध कराना है । पहले भी भारत की ओर से अफगानिस्तान को अनाज व दवाइयों समेत कई मदद दी जा चुकी है। कुछ समय पहले ही गेहूं की बड़ी खेप अफगान पहुंची थी।

दिल्ली.   अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान के काबिज होने के बाद पहली बार भारत का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को काबुल जा रहा है। अरिंदम बागची ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने एक प्रेस रिलीज शेयर किया है जिसमें बताया गया है कि अफगानिस्तान जा रही इस भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जेपी सिंह कर रहे हैं जो PAI (पाकिस्तान, अफगानिस्तान व ईरान) के संयुक्त सचिव हैं और ये मानवीय सहायता के ट्रांसफर को देखेंगे।

भारतीय राजनयिक तालिबान के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। इस दौरान टीम उन अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगी जो मानवीय सहायता के वितरण में शामिल है। इसके साथ ही टीम उन जगहों का दौरा करेगी जहां भारतीय प्रोग्राम/प्रोजेक्ट लागू किए जा रहे हैं। मानवीय सहायता के लिए कई शिपमेंट पहले ही भारत की ओर से भेजी जा चुकी है जिसमें 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं, 13 टन दवाईयां, कोरोना वैक्सीन की 5 लाख खुराकें और ठंड से बचाव के लिए कपड़े। सप्लाई की यह खेप काबुल के चिल्ड्रन हास्पीटल और WHO व WFP समेत UN की एजेंसियों को सौंपी गई है। आगे और भी अनाजों व मेडिकल सहयोग की खेप अफगानिस्तान को भेजी जाएगी। भारतीय विदेश मंत्रालय पहले भी तालिबान को हर संभव सहायता के लिए बयान दे चुका है । 

भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया की मानवता और वैश्विक सौहार्द के नाते हम अफगानिस्तान के साथ खड़े हैं। पाकिस्तान को उसके विकास और बुनियादी सुविधाओं के चलते समय समय पर भारत अफ़गानिस्तान की हर संभव सहायता करता रहेगा।

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