श्रीलंका के बाद बांग्लादेश में आया आर्थिक संकट, 50% तक बढ़े तेल के दाम, हिंसक प्रदर्शन

नई दिल्ली - अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट से गुजर रहे पड़ोसी देश श्रीलंका(Srilanka Economic Crisis) के बाद बांग्लादेश(Bangladesh Emerge Turmoil) में भी ऊर्जा संकट पैदा हो गया है. जिससे लगातार बिजली कटौती व तेल के दामों में बढ़ोतरी की जा रही है. इसी कड़ी में शनिवार को बांग्लादेश में पेट्रोल-डीजल के दामों में भारी बढ़ोतरी के बाद देश में हिंसक प्रदर्शन हुए. जिसके बाद हालात को काबू करने के लिए सुरक्षाबलों को बल प्रयोग करना पड़ा.
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Bangladesh… protests and hard clashes have erupted in several cities after the government has decided to increase petrol prices by 51% and diesel by 42% effective midnight….
— Wall Street Silver (@WallStreetSilv) August 7, 2022
Huge lines are reported at petrol stations all over Bangladesh…
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दरअसल शुक्रवार को सरकार ने पेट्रोल के दाम 51.7 फीसदी व डीजल के दाम 42.5 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला लिया था. इसके बाद शनिवार को बढ़े हुए दाम लागू होने से पहले लोग गाड़ियों को लेकर देश के कई इलाकों में पेट्रोल पंपों की ओर चल पड़े. देखते ही देखते लोगों की लंबी लाइनें और अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया. लोगों में हिंसक झड़पें शुरू हो गई और शहरों में आगजनी व पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं.

सुरक्षाबलों को बिगड़ते हालात को काबू करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा. इसके बाद कुछ पेट्रोल पंपों ने पेट्रोल व डीजल की बिक्री बंद कर द और उसके बाद विरोध प्रदर्शन और भड़क उठे. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इस कदर भारी बढ़ोतरी से देश के लाखों लोगों की रोजी रोटी पर असर पड़ेगा.
रूस-यूक्रेन युद्ध का है असर
पिछले कई महीनों से चले आ रहे रूस-यूक्रेन युद्ध(Russia-Ukraine War) के चलते दुनियाभर में क्रूड ऑयल(Crude Oil) की सप्लाई प्रभावित हुई है. जिसके चलते बांग्लादेश की ऊर्जा जरूरतें भी प्रभावित हुई हैं. रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों(Western Countries) रूस पर कड़े प्रतिबंध ने लगाए हैं. बांग्लादेश में ऊर्जा संकट का असर बिजली की सप्लाई पर भी पड़ा है. देश के कुछ इलाकों में 13 घंटों तक बिजली कटौती करनी पड़ी रही है.
एक अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश की 416 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था सालों से दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था रही है. हालांकि रूस-यूक्रेन युद्ध व कोरोना महामारी के बाद बढ़ती ऊर्जा व खाने पीने की चीजों की कीमतों ने देश के इम्पोर्ट बिल(Import Bill) को बढ़ा दिया है. जिससे सरकार को आईएमएफ(International Monetary Fund) सहित अन्य ग्लोबल एजेंसियों से कर्ज लेना पड़ रहा है.
ऊर्जा मंत्री ने क्या कहा
वहीं देश के ऊर्जा मंत्रालय(Energy Ministry) का कहना है कि ग्लोबल मार्किट(Global Market) की स्थिति को देखते हुए पेट्रोल-डीजल की क़ीमतों में बढ़ोतरी को नहीं रोका जा सकता. मंत्रालय ने बताया कि बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉरपोरेशन(Bangladesh Petroleum Corporation) को बीते जुलाई महीने तक 6 महीनों में 8 अरब टका का नुकसान उठाना पड़ा है.
ऊर्जा मंत्री नसरुल हामिद(Nasrul Hamid) ने कहा, ''नई क़ीमतों का भार सभी नहीं उठा सकते. लेकिन, हमारे पास और कोई रास्ता नहीं था. लोगों को धैर्य रखना होगा.'' उन्होंने कहा कि ग्लोबल मार्किट में क्रूड ऑयल की कीमतें गिरने पर देश में भी कीमतों में कटौती की जाएगी.