बियर के लिए इस देश में हो रही है मारामारी, बोतलें भी वापस ले जा रही हैं कम्पनियां

जर्मनी में ज़्यादातर कांच की सप्लाई(Supply of Lead) यूक्रेन से होती थी
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BEER BOTTLE
जर्मनी की बीयर बनाने वाली कंपनियां अपने कस्टमर्स(Customers) से खाली बोतल वापस करने को कह रही हैं। कंपनियों का कहना है कि कांच की कमी की वजह से नई बोतलों का प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में  बीयर की बोतलों की नई खेप मार्केट में नहीं पहुंच पा रही है।

चंडीगढ़: रूस-यूक्रेन संकट(Russia-Ukraine Conflict) ने समूचे विश्व को प्रभावित किया है। गैस, पेट्रोल, डीजल के रेट सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं। यूरोप (Europe) में स्थितियां ख़राब होती जा रही है। ग्लोबल सप्लाई चेन बंद होने के कारण यूरोप में मार्केट प्रभावित होने की मुख्य वजह है। ऐसे में जरूरत की चीजें भी लोगों तक पहुंच ही नहीं पा रही हैं।

ग्लोबल सप्लाई (Global Supply) प्रभावित होने की मुख्य वजहें हैं खराब मौसम से लेकर कोविड महामारी (Covid-19 Pandemic), जियोपॉलिटिकल टेंशन(Russia-Ukraine Conflict) और रिबाउंडिंग डिमांड(Rebounding Demand). यूरोप के जर्मनी तो इन दिनों कांच(Supply Of Lead) की कमी के चलते वहां के लोगों को काफी मुश्किलों का सामना कर रहा है। कांच की कमी ने जर्मनी(Germany) में रेस्टोरेंट(Restaurant) और किराने के कारोबार पर  सबसे ज्यादा असर पड़ा है। जर्मनी में बोतलों की कमी है और इस वजह से बीयर पीने वालों को काफी मुश्किलें हो रहीं हैं।

बात इस हद तक पहुंच गई है जर्मनी की बीयर बनाने वाली कंपनियां अपने कस्टमर्स(Customers) से खाली बोतल वापस करने को कह रही हैं। कंपनियों का कहना है कि कांच की कमी की वजह से नई बोतलों का प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में  बीयर की बोतलों की नई खेप मार्केट में नहीं पहुंच पा रही है।

दरअसल यह समस्या रूस-यूक्रेन विवाद के चलते उत्पन्न हुई है। जर्मनी में ज़्यादातर कांच की सप्लाई(Supply of Lead) यूक्रेन से होती थी। लेकिन युद्ध शुरू होने के बाद वहां के मार्केट से कांच की सप्लाई बंद हो गई है. कांच की कमी के चलते सिर्फ बीयर या शराब विक्रेता(Beer And Wine Seller) कम्पनियां ही परेशान नहीं हैं, बल्कि सोडा और रोजाना की जरूरतों वाली सभी कंपनियों पर इसका असर पड़ा है।

बताया जा रहा है कि जब मैन्युफैक्चरर(Manufacturer of Glass Bottle) शीशे की बोतल या एल्युमिनियम कैन(Aluminum Cane) बनाएंगे ही नहीं, तो फिर लोगों की सोडा और बीयर जैसी जरूरतें कैसे मुहैया कराई जाएगी। वहीं, यूक्रेन में रूस के हमले की वजह से शिपिंग कंटेनर(Shipping Container) की कमी और लेबर मार्केट में लोगों की कमी के चलते सप्लाई की चुनौती से जूझना पड़ रहा है।

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