कोरोना वैक्सीन से मौत का मामला : सीरम इंस्टीट्यूट और बिल गेट्स को नोटिस जारी

याचिकाकर्ता ने एसआईआई से 1,000 करोड़  के मुआवजे की मांग की 

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 स्नेहल की मृत्यु 1 मार्च, 2021 को हुई और इसका कारण टीके का दुष्प्रभाव था। याचिका में एसआईआई से एक हजार करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता दिलीप लुनवत ने माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स, जिनके फाउंडेशन ने एसआईआई के साथ भागीदारी की है, केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार और ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया को भी पक्ष बनाया है।

मुंबई- औरंगाबाद के रहने वाले दिलीप लुनावत ने कोर्ट को बताया कि उनकी बेटी धमनगांव के एसएमबीटी डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में डॉक्टर और सीनियर लेक्चरर थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसकी बेटी  मेडिकल छात्रा स्नेहल लुनावत को 28 जनवरी, 2021 को नासिक में अपने कॉलेज में एंटी-कोरोना वायरस कोविशील्ड वैक्सीन लेने के लिए मजबूर किया गया था। याचिका में कहा गया है कि कुछ दिनों बाद बेटी स्नेहल को तेज सिरदर्द और उल्टी हुई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने कहा कि उनके दिमाग में खून बह रहा है।

 स्नेहल की मृत्यु 1 मार्च, 2021 को हुई और इसका कारण टीके का दुष्प्रभाव था। याचिका में एसआईआई से एक हजार करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की गई है।

याचिका में कहा गया है कि 1 मार्च 2021 को कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट से उनकी मौत हो गई।याचिका में लूनावत ने अपनी बेटी का 28 जनवरी 2021 का वैक्सीन सर्टिफिकेट भी अटैच किया है।  लूनावत ने अपने दावे को और मजबूत करने के लिए 2 अक्टूबर, 2021 की केंद्र सरकार की पोस्ट-वैक्सीनेशन इवेंट्स (AEFI) रिपोर्ट को भी शामिल किया है।  स्नेहल की मृत्यु 1 मार्च, 2021 को हुई और इसका कारण टीके का दुष्प्रभाव था। याचिका में एसआईआई से एक हजार करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की गई है।

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बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और अन्य से एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर जवाब मांगा है, जिसने कोविशील्ड वैक्सीन को अपनी बेटी की मौत के लिए दोषी ठहराया है। याचिकाकर्ता ने एसआईआई से 1,000 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है। याचिकाकर्ता दिलीप लुनवत ने माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स, जिनके फाउंडेशन ने एसआईआई के साथ भागीदारी की है, केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार और ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया को भी पक्ष बनाया है।

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न्यायमूर्ति एस वी गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने 26 अगस्त को याचिका में सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया। मामले की सुनवाई 17 नवंबर को तय की गई है। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसकी बेटी  मेडिकल छात्रा स्नेहल लुनावत को 28 जनवरी, 2021 को नासिक में अपने कॉलेज में एंटी-कोरोना वायरस कोविशील्ड वैक्सीन लेने के लिए मजबूर किया गया था, क्योंकि वह एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता थी। 

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