श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे की मुश्किलें बढ़ी, सिंगापुर सरकार ने केवल 15 दिन रहने की छूट दी

सिंगापुर प्रशासन ने कहा पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को इस देश में रहने की 15 दिन की छूट को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है.
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 गोटाबाया राजपक्षे
सिंगापुर विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि ना तो गोटाबाया राजपक्षे ने शरण मांगी है, न ही उन्हें कोई शरण दी गई है. बयान में आगे कहा गया कि सिंगापुर आमतौर पर शरण नहीं देता है.

नई दिल्ली - श्रीलंका (Sri lanka) को आर्थिक संकट में छोड़कर सिंगापुर (Singapore) में शरण लेने वाले पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Former President Gotabaya Rajapaksa) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. अब सिंगापुर ने राजपक्षे को अपने देश में केवल 15 दिन तक ही रहने की छूट दी है. 15 दिन बाद उन्हें देश छोड़ने को कहा गया है.

15 दिन बाद गोटाबाया राजपक्षे को सिंगापुर प्रशासन (Singapore Administration) द्वारा देश छोड़ने के लिए कहा गया है. प्रशासन ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को इस देश में रहने की 15 दिन की छूट को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है. सिंगापुर विदेश मंत्रालय (Singapore Foreign Ministry) की ओर से इस बारे में बयान जारी किया है.

सिंगापुर विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि ना तो गोटाबाया राजपक्षे ने शरण मांगी है, न ही उन्हें कोई शरण दी गई है. बयान में आगे कहा गया कि सिंगापुर आमतौर पर शरण नहीं देता है. उधर भयानक कंगाली की तरफ बढ़ रहे श्रीलंका में भी हालात बेहद खराब हो गए हैं. श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने एक बार फिर से इमरजेंसी की घोषणा की है. 

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