22 वर्षीय महिला 'महसा अमीनी' की मौत के बाद अमेरिका ने ईरान की मोरैलिटी पुलिस को किया ब्लैकलिस्ट

महसा अमीनी के बाद ईरान में भीषण विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं
 | 
bg
महसा अमीनी एक साहसी महिला थीं. मोरैलिटी पुलिस(Iranian Mortality Police) की हिरासत में उनकी मौत ईरानी शासन के सुरक्षाबलों द्वारा अपने ही लोगों के खिलाफ क्रूरता का एक और कृत्य था.

नई दिल्ली - ईरान में मोरैलिटी पुलिस गश्त-ए-इरशाद को अमेरिका ने गुरुवार, 22 सितंबर को ब्लैकलिस्ट कर दिया है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने कहा कि मोरैलिटी पुलिस महसा अमीनी की मौत के लिए जिम्मेदार है. ट्रेजरी विभाग ने ईरानी महिलाओं के खिलाफ हिंसा और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के अधिकारों के उल्लंघन के लिए ये प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है.

कथित तौर पर ठीक से हिजाब नहीं पहनने के चलते गश्त-ए-इरशाद ने 22 वर्षीय महसा अमीनी को गिरफ्तार किया था और पुलिस हिरासत में उनकी मौत हो गई थी. महसा अमीनी के बाद ईरान में भीषण विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

कुर्दिस्तान से लेकर राजधानी तेहरान तक देश के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन भड़क गए हैं, जिसमें नौजवान महिलाएं व युवक शामिल हैं. उनकी मौत के बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है

अमेरिकी ट्रेजरी के सेक्रेटरी जेनेट येलेन ने कहा, "महसा अमीनी एक साहसी महिला थीं. मोरैलिटी पुलिस(Iranian Mortality Police) की हिरासत में उनकी मौत ईरानी शासन के सुरक्षाबलों द्वारा अपने ही लोगों के खिलाफ क्रूरता का एक और कृत्य था.

ee

शनिवार को महसा(Death of Mehsa Amini) को उनके होमटाउन साकेज में दफन कर दिया गया. उनके जनाजे में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. जनाजे में शामिल महिलाओं ने अपना विरोध दर्ज करते हुए अपने हिजाब उतार दिए थे.

जनाजे में शामिल प्रदर्शनकारियों ने तानाशाह की मौत हो नारे भी लगाए. ये नारा ईरान के सुप्रीम लीडर आयुतल्लाह अली खामनेई(Ayatollah Ali Khamenei) के लिए लगाया जा रहा था.

ww

एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया चैनल के अनुसार साल 1979 की क्रांति के बाद से ही ईरान में सामाजिक मुद्दों से निपटने के लिए मोरैलिटी पुलिस कई रूपों में मौजूद रही है. इनके अधिकार क्षेत्र में महिलाओं के हिजाब से लेकर पुरुषों और औरतों के आपस में घुलने-मिलने का मुद्दा भी शामिल रहा है.

लेकिन महसा की मौत के बाद जिम्मेदार बताई जा रही सरकारी एजेंसी गश्त-ए-इरशाद ही वो 'मोरैलिटी पुलिस' है, जिसका काम इरान में सार्वजनिक तौर पर इस्लामी आचार संहिता को लागू करना है.

गश्त-ए-इरशाद का गठन साल 2006 में हुआ था. ये न्यायपालिका व इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कोर्प्स(Islamic Revolutionary Guards Corps) से जुड़े पैरामिलिट्री फोर्स 'बासिज' के साथ मिलकर काम करता है.

Latest News

Featured

Around The Web