हीट वेव से स्पेन, पुर्तगाल में ही 1900 से ज्यादा मौतें; जानें रिकॉर्ड तोड़ गर्मी वजह

इतिहास में पहली बार यहां पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचा
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हीट वेव से स्पेन, पुर्तगाल में ही 1900 से ज्यादा मौतें; जानें रिकॉर्ड तोड़ गर्मी वजह
ब्रिटेन में बीते दो दिनों का तापमान। मंगलवार को अधिकतर इलाकों में 35 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान दर्ज किया गया, जो लंदन में 40 डिग्री तक भी पहुंचा। बुधवार को तापमान में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई।

लंदन/पेरिस-  जब किसी इलाके में तापमान सामान्य से कहीं ज्यादा बढ़ जाए और ऐसा कई दिनों तक बना रहे, तब उसे हीट वेव कहते हैं। इस दौरान इलाके की ह्यूमिडिटी में भी इजाफा होता है। ऐसा ही ब्रिटेन में देखने का मिल रहा है। ब्रिटेन में तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। मौसम विभाग ने सभी इलाकों में हीट वेव के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। गर्मी से ट्रेन सर्विस प्रभावित हुईं और स्कूल बंद कर दिए गए हैं।

भीषण गर्मी से यूरोप के हर कोने में हाहाकार मचा हुआ है। बढ़ते तापमान की वजह से जहां फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल और ग्रीस के जंगलों में आग लग गई, तो वहीं ब्रिटेन की सड़कें और रेलवे ट्रैक पिघल रहे हैं। इतिहास में पहली बार यहां पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। पूरे महाद्वीप में अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इससे पहले 2003 में भी यूरोप हीट वेव की चपेट में आया था, जिसमें 70 हजार लोगों की मौत हुई थी। 

 

 

हीट वेव से स्पेन, पुर्तगाल में ही 1900 से ज्यादा मौतें; जानें रिकॉर्ड तोड़ गर्मी वजह


स्पेन के कार्लोस इंस्टीट्यूट के मुताबिक वाइल्डफायर ने 862 लोगों की जान ली है। वहीं, 13 हजार से ज्यादा लोगों को अपना घर छोडना पड़ा। अब तक 70 हजार हेक्टेयर जंगल साफ हो चुका है।फ्रांस ने एक हफ्ते में गर्मी के 100 से भी ज्यादा रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यहां नदियों के गर्म पानी ने न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के प्रोडक्शन को कम कर दिया है। वहीं, 3 हजार से ज्यादा फायरफाइटर जंगल की आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं।
 

हीट वेव से स्पेन, पुर्तगाल में ही 1900 से ज्यादा मौतें; जानें रिकॉर्ड तोड़ गर्मी वजह

यूरोप में खतरनाक हीट वेव की वजह

ग्लोबल वॉर्मिंग: 19वीं सदी की तुलना में आज पृथ्वी का तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। अब हम कार्बन डाइऑक्साइड जैसी खतरनाक गैसों से घिरे हुए हैं, जो वातावरण में गर्मी को एक अलग लेवल पर ले जाती हैं।
जेट स्ट्रीम: धरती के ऊपरी वायुमंडल में तेजी से बहने वाली हवा (जेट स्ट्रीम) में ऐसे बदलाव हो रहे हैं, जिनसे यूरोप में गर्मी और ज्यादा बढ़ने वाली है। 2003 में भी कुछ ऐसा ही हुआ था।
लो प्रेशर जोन: हवा हाई प्रेशर से लो प्रेशर वाली जगहों पर बहती है। इस केस में हवा नॉर्थ अफ्रीका से यूरोप की तरफ बह रही है। गर्म हवाएं कई दिनों से पुर्तगाल के तट (लो प्रेशर जोन) के इर्द-गिर्द ही घूम रही हैं।
समुद्र की गर्मी: क्लाइमेट चेंज के चलते आर्कटिक ओशियन की बर्फ तेजी से पिघल रही है। यहां की गर्मी का असर यूरोप में चल रही हवाओं में देखा जा सकता है। अब हीट वेव लंबे समय तक एक ही जगह घूमती रहती है।
मिट्टी का सूखापन: यूरोप के ज्यादातर हिस्सों की मिट्टी में नमी कम है। यानी, यहां की जमीन ज्यादा गर्मी नहीं सोख पाती, जिससे तापमान बढ़ता चला जाता है।
अमेरिका में भी खतरनाक हीट वेव जैसे हालात हैं। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, देश की कुल आबादी के 25 फीसदी यानी 8 करोड़ लोग इस भीषण गर्मी की चपेट में आ सकते है। उधर, चीन में भी मौसम में अजीबोगरीब बदलाव देखने को मिल रहे हैं। यहां हीट वेव के साथ रिकॉर्ड बारिश हो रही है।

हीट वेव से स्पेन, पुर्तगाल में ही 1900 से ज्यादा मौतें; जानें रिकॉर्ड तोड़ गर्मी वजह

पुर्तगाल में 17 जुलाई को आग पर काबू पाने में जुटा एक फायर फाइटिंग प्लेन क्रैश हो गया। हीट वेव से जुड़ी घटनाओं में लगभग 1,100 लोगों ने अपनी जान गंवाई।जर्मनी के लोग रिकॉर्ड तापमान के चलते सूखे की मार झेल सकते हैं। उधर, बेल्जियम और स्वीडन में गर्मी बढ़ने से 'रेड' और 'ऑरेंज' वॉर्निंग दे दी गई है। वाइल्डफायर की वजह से इटली भी हाईअलर्ट पर है।

इसी साल मार्च, अप्रैल और मई में उत्तर भारत और पाकिस्तान में रिकॉर्ड तोड़ हीट वेव ने दोनों देशों को बुरी तरह प्रभावित किया था। इससे सैकड़ों लोगों की मौत हुई और फसलों को भारी नुकसान हुआ। यूनाइटेड किंगडम मौसम कार्यालय की एक स्टडी के अनुसार, भारत व पाकिस्तान में हीट वेव की संभावना क्लाइमेट चेंज के कारण 100 गुना बढ़ गई है।

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