भारत ने भगवान गौतम बुद्ध के अवशेषों को भेजा मंगोलिया

मंगोलिया की सरकार ने इन्हें विशेष अनुरोध पर मंगवाया है
 | 
KIREN RIJUJU
गौतम बुद्ध के अवशेषों को 11 दिनों तक मंगोलिया की राजधानी उलानबातार(Ulaanbaatar) के गंदनतेगछिनलें मठ के बात्सागान मंदिर में रखा जाएगा और इस दौरान उन्हें एक "राजकीय अतिथि" का दर्जा दिया जाएगा

दिल्ली: बीती रात को भारत सरकार(Govt. Of India) ने गौतम बुद्ध(Gautam Buddha) से जुड़े चार अवशेषों को बुद्ध पूर्णिमा के समारोह के लिए मंगोलिया(Magnolia) भेजा है। रविवार रात को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू(Kiran Rijuju) समेत 25 मेंबर का प्रतिनिधिमंडल(Delegation) भगवान बुद्ध के इन अवशेषों को लेकर मंगोलिया रवाना हुआ है। भारत की ओर से भगवान बुद्ध के 22 अवशेषों में 4 अवशेषों को मंगोलिया भेजा गया है हालांकि इन अवशेषों को आम तौर पर भारत से बाहर भेजने की अनुमति नहीं दी जाती है।

बौद्ध धर्म के अनुयायी केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू(Central Law Minister Kiren Rijuju) समेत 25 मेंबर का प्रतिनिधिमंडल भगवान बुद्ध के इन अवशेषों को लेकर मंगोलिया गया है। 14 जून को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर मंगोलिया में आयोजन किया जाएगा और इस समारोह में भगवान बुद्ध के अवशेषों को प्रदर्शनी में रखा जाएगा।

बताया जा रहा है कि गौतम बुद्ध के अवशेषों को 11 दिनों तक मंगोलिया की राजधानी उलानबातार(Ulaanbaatar) के गंदनतेगछिनलें मठ के बात्सागान मंदिर में रखा जाएगा और इस दौरान उन्हें एक "राजकीय अतिथि" का दर्जा दिया जाएगा

सरकारी अधिकारियों ने बताया कि आम तौर पर इन अवशेषों को भारत से बाहर ले जाने की इजाजत नहीं दी जाती है, लेकिन इस बार मंगोलिया की सरकार के अनुरोध पर इसको विशेष रूप से अनुमति दी गई है। किरेन रिजिजू ने कहा है कि इस कदम से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक(Cultural) और आध्यात्मिक संबंध(Spiritual) और मजबूत होंगे।

दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय(National Museum) में इन चार अवशेषों समेत कुल 22 कपिलवस्तु अवशेष रखे हुए हैं जिन्हें 1898 में उत्तर प्रदेश(UP) के उस इलाके से पाया गया था जिसे कुछ विशेषज्ञ प्राचीन शहर कपिलवस्तु का स्थल मानते हैं।

कहा जाता है कि गौतम बुद्ध ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा(Spiritual Journey) की शुरुआत से पहले कई साल कपिलवस्तु में अपने परिवार के साथ बिताए थे। वहीं से ये अवशेष शैलखटी(सोपस्टोन) की डिबियों में बरामद हुए थे। भारतीय पुरातत्व विभाग(Archeological Survey Of India) इन्हें बड़े एहतियात के साथ रखता है।

पूर्वी एशियन देश मंगोलिया में भी गौतम बुद्ध के कुछ अवशेष रखे गए हैं और इस साल बुद्ध पूर्णिमा के समारोह के दौरान भारत से गए अवशेषों को इन अवशेषों के साथ प्रदर्शनी में रखा जाएगा। भारत सरकार के इस कदम को बौद्ध धर्म को मानने वाले देशों की तरफ भारत के विशेष कूटनीतिक अभियान का एक हिस्सा माना जा रहा है।

इसी सिलसिले में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते मई के महीने में नेपाल के लुंबिनी गए थे, जिसे बुद्ध की जन्मस्थली माना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां पूजा करने के अलावा वहां एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध केंद्र का उद्घाटन भी किया था।

Latest News

Featured

Around The Web