इजराइल ने ईरान के साथ तनाव के चलते अपने नागरिकों को तुर्की ना जाने की सलाह दी है

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ईरान
इजरायल के खुफिया आकलन के अनुसार ईरान, इजरायल के अधिकारियों, यहूदी समुदाय के सदस्यों, पर्यटकों और साइटों को निशाना बनाकर जवाबी कार्रवाई करने का प्रयास कर रहा है, जो यहूदी समुदाय से जुड़े हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने सोमवार को तुर्की में इजरायली नागरिकों के लिए अपनी यात्रा चेतावनी को संशोधित किया है।

येरूसलम.  इजराइल ने तेहरान में एक ईरानी कर्नल हसन सैय्यद खोदेई की हत्या के जवाब में अपने नागरिकों को तुर्की की यात्रा न करने की सलाह दी है। ईरानियों ने ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कुद्स फोर्स  के एक वरिष्ठ सदस्य कर्नल हसन सैय्यद खोदेई की हत्या के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराया है। खोदेई की पिछले रविवार को तेहरान में दो मोटरसाइकिल सवारों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के बाद से, वरिष्ठ ईरानी अधिकारियों ने इजरायल के खिलाफ जवाबी कार्रवाइ करने की धमकी दी है। तसनीम समाचार एजेंसी ने बताया कि ईरानी जनरलहोसैन सलामी ने कर्नल हसन सैय्यद खोदेई की हत्या के लिए इजराइलियों पर आरोप लगाया और इसका बदला लेने की कसम खाइ है।

इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद काउंटर-टेररिज्म ब्यूरो ने कई संभावित परिदृश्यों के लिए तैयारी की है। एक संभावना यह है कि ईरान विदेशों में काम कर रहे इजरायली अधिकारियों, जैसे कि राजदूत, सुरक्षा कर्मियों, या प्रसिद्ध व्यवसायियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकता है। दुनिया भर में विभिन्न इजरायली दूतावासों को चेतावनी दी गई है और उन देशों में आने वाले दूतावास के कर्मचारियों या वरिष्ठ अधिकारियों को नुकसान पहुंचाने के संभावित प्रयासों से पहले अपनी तैयारी के स्तर को बढ़ाने के लिए कहा गया है। और इजरायल में सुरक्षा अधिकारियों और विदेशों में उनके समकक्षों के बीच उन देशों में सीधे संबंध स्थापित कर रहा है।

इजरायल के खुफिया आकलन के अनुसार ईरान, इजरायल के अधिकारियों, यहूदी समुदाय के सदस्यों, पर्यटकों और साइटों को निशाना बनाकर जवाबी कार्रवाई करने का प्रयास कर रहा है, जो यहूदी समुदाय से जुड़े हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने सोमवार को तुर्की में इजरायली नागरिकों के लिए अपनी यात्रा चेतावनी को संशोधित किया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने कहा कि ईरानी कर्नल हसन सैय्यद खोदेई की मौत का आरोप इजरायल पर लगाए जाने के बाद इजरायल को नुकसान पहुंचाने के लिए ईरानी साजिशों का डर तेज हो गया है। एक बयान में, कहा कि इजराइलियों के लिए एक वास्तविक खतरा तुर्की क्षेत्र के साथ-साथ उन देशों में भी है जो ईरान के साथ अपनी सीमा साझा करते हैं। इजराइल द्वारा तुर्की को पहले से ही एक उच्च जोखिम (High Risk) वाले देश के रूप में वर्गीकृत किया गया था।

ईरान, इजरायली क्षेत्र में सैन्य प्रतिक्रिया करने का प्रयास कर सकता है। जिसमें ईरान सीमा के पास तैनात इजरायली सैनिकों को निशाना बनाने के लिए लेबनान, सीरिया या जॉर्डन से सैन्य प्रतिक्रिया कर सकता है। वही दूसरी तरफ ईरान, इजरायल की ओर सीमित रॉकेट या मिसाइल फायर, आत्मघाती ड्रोन का उपयोग, या समुद्र में क्रूज मिसाइलों की तैनाती कर सकता है। इस बीच, इजराइल अन्य खाड़ी देशों के साथ काम कर रहा है ताकि इस मामले में इजरायल की खुफिया क्षमताओं का विस्तार किया जा सके और ये पता लगाया जा सके कि ईरानी खतरा वास्तविक है या नहीं।इजरायल-ईरान के बीच चल रहा विवाद काफी पुराना है, बता दें कि साल 1979 में ईरान की क्रांति ने कट्टरपंथियों को सत्ता में आने का सुनहरा मौका दिया और तभी से ईरानी नेता इजरायल को मिटाने की बात करते रहे हैं। ईरान, इजरायल के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करता है और उसका कहना है कि इजरायल ने मुसलमानों की जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है।दूसरी तरफ, इजरायल भी ईरान को एक खतरे के तौर पर देखता है। इन दोनो देशों में माहोल हमेशा तनावपूर्ण रहता है।

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