धमकी से बिना डरे ताइवान पहुंचीं नैंसी पेलोसी, ताइवान के एयर स्पेस में घुसे चीन के 21 सैन्य विमान
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नई दिल्ली - अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी (US House Speaker Nancy Pelosi) चीन की धमकी से डरे बगैर मंगलवार रात ताइवान पहुंच गईं. वहीं यूएस हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान पहुंचने से चीन बुरी तरह भड़क उठा है. वह लगातार चेतावनी दे रहा है. इसी बची चीन के 21 सैन्य विमान ताइवान के एयर स्पेस में मंगलवार को घुस गए.
नैंसी के ताइवान पहुंचने से चीन और अमेरिका के बीच ताइवान की आजादी के मुद्दे पर तनातनी और बढ़ गई. वहीं पेलोसी ने मीडिया से चर्चा में ताइवान की सरकार और जनता से कहा कि उनकी यात्रा मानवाधिकारों की रक्षा, अनुचित व्यापार परंपराओं का विरोध और सुरक्षा को लेकर है. नैंसी पेलोसी ने साफ किया कि उनका ताइवान आने का तीन अहम मुद्दा है. सुरक्षा, शांति और सरकार.
बता दें कि चीन हमेशा से ताइवान को अपना हिस्सा मानता रहा है. जिनपिंग कई बार कह चुके हैं कि आज नहीं तो कल ताइवान चीन में शामिल होगा. इस बीच अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे से चीन बुरी तरह से भड़क गया है और ताइवान के चारों ओर युद्धाभ्यास का ऐलान कर दिया है.
वहीं दूसरी तरफ अपने दौरे के दौरान नैंसी ने ताइवान में लोकतंत्र का समर्थन करते हुए दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने की वकालत की है. उन्होंने आगे कहा कि कि हम ताइवान के लोगों के साथ हैं. उन्होंने कहा कि हम ताइवान के लोकतंत्र के समर्थक हैं. जल्द ही वह ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग वेन से मिलेंगी.
नैंसी ने आगे कहा कि अमेरिका ताइवान में शांति चाहता है. हम ताइवान के साथ संसदीय आदान-प्रदान बढ़ाना चाहते हैं. ताइवान दुनिया के सबसे स्वतंत्र समाजों में से एक है. उन्होंने कहा कि हम यहां आपकी बात सुनने और आपसे सीखने के लिए हैं. हमें एक साथ आगे बढ़ने का रास्ता निकालना होगा.
उन्होंने कहा कि हम किस प्रकार मिलकर इस ग्रह को जलवायु संकट से बचाने के लिए काम कर सकते हैं इसपर भी बात करेंगे. वहीं दूसरी तरफ नैंसी पेलोसी के ताइवान दौर से भड़की चीन की सेना ने चेतावनी दी है कि हम हर उकसावे का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं और अपनी क्षेत्रिय अखंडता की रक्षा करन में सक्षम है.
चीन ने गंभीर एतराज जताते हुए कहा कि 1.4 अरब चीनी नागरिकों से शत्रुता मोल लेने का अंजाम अच्छा नहीं होगा. दुर्भावनापूर्ण ताइवान की यात्रा करने वालों के लिए ये हमारी चेतावनी है. दरअसल चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है इसलिए ताइवान के किसी अन्य देश से नजदीकी का विरोध भी करता है. इन दो देशों के बीच का विवाद काफी पुराना है.