भारतीय सेना को चीन सीमा तक पहुंचाएगी देश की चार ब्रॉडगेज रेललाइनें, दिसंबर तक होगी तैयार

बिलासपुर-मनाली-लेह की डीपीआर रक्षा और रेल मंत्रालय के विचाराधीन
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चार ब्रॉडगेज रेललाइनें

Railway Lines: अरुणाचल में मिस्सामरी से चीन सीमा से सटे तवांग तक और असम और अरुणाचल से होकर म्यांमार सीमा तक पहुंचाने वाली लखीमपुर-बेम-शिलापत्थर रेललाइन की इसी सप्ताह डीपीआर तैयार कर दी है। अब इसे नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने रेलवे बोर्ड को सौंप दिया है। एक रेल लाइन बिलासपुर-मनाली-लेह हिमाचल में और तीन अरुणाचल प्रदेश और असम में बनाई जाएंगी। 

बिलासपुर:  अरुणाचल में मिस्सामरी से चीन सीमा से सटे तवांग तक और असम और अरुणाचल से होकर म्यांमार सीमा तक पहुंचाने वाली लखीमपुर-बेम-शिलापत्थर रेललाइन की इसी सप्ताह डीपीआर तैयार कर दी है।  भारतीयय सेना को चीन सीमा तक आसानी से पहुंचाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने चार ब्रॉडगेज रेललाइनों को बनाने की कवायद तेज कर दी है। इनमें एक रेल लाइन बिलासपुर-मनाली-लेह हिमाचल में और तीन अरुणाचल प्रदेश और असम में बनाई जाएंगी। अब इसे नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने रेलवे बोर्ड को सौंप दिया है। अरुणाचल की पास्सीघाट-तेजु-रूपाई की 2022 और बिलासपुर-मनाली-लेह रेललाइन की डीपीआर दिसंबर 2021 में तैयार हो गई है। अब इन सभी परियोजनाओं की फंडिंग के लिए रक्षा मंत्रालय मंथन कर रहा है।

 

 

 

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100 हजार करोड़ की इस परियोजना का कार्य चार चरणों में होगा। लेह से उपशी तक 50 किलोमीटर रेललाइन का सबसे पहले निर्माण होगा। उत्तर रेलवे ने अपने एग्रीमेंट में भी इसके लिए हामी भरी है। जैसे ही इस डीपीआर को मंजूरी मिलेगी, सबसे पहले इसी हिस्से पर कार्य शुरू होगा। केंद्रीय मंत्री व क्षेत्र के सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस रेललाइन के लिए उन्होंने आवाज भी उठाई और इसकी मंजूरी भी करवाई। आगे भी हर जरूरी कदम उठाएंगे। 

 

 

 

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378 किलोमीटर लंबी इस परियोजना का 80 फीसदी निर्माण टनलों में होगा। इस ट्रैक में 27 किलोमीटर लंबी टनल बनेगी, जो कि देश की सबसे लंबी रेललाइन टनल होगी। यह ट्रैक 13,700 फीट की ऊंचाई तक जाएगा। जो सेना को बॉर्डर तक सुरक्षित पहुंचाएगा। 227 किलोमीटर लंबी पास्सीघाट-तेजु-रूपाई रेललाइन भी चीन सीमा तक जाएगी। नॉर्थ लखीमपुर-बेम-शिलापत्थर रेललाइन की लंबाई 249 किलोमीटर है। तीनों परियोजनाओं की डीपीआर नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे ने तैयार की है। बता दें कि अरुणाचल के तवांग और असम बॉर्डर तक चीन ने रेललाइन का निर्माण शुरू कर दिया है। 
 

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