ईरान में क्रूरता की हद! 32 लोगो को सामूहिक फांसी

ईरान के एक मानवाधिकार समूह के मुताबिक, पिछले हफ़्ते देश में 32 लोगों को मौत की सजा दी गई है.
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न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, एनजीओ ने कहा कि ईरानी राज्य मीडिया ने सार्वजनिक रूप से फांसी दिए जाने की सूचना दी है और दोषी की पहचान सब्ज़ीकर के रूप में की है. सब्जीकर को सार्वजनिक रूप से फांसी की सजा की पुष्टि इस महीने की शुरुआत में सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)ने की थी. आईएचआर के निदेशक महमूद अमीरी-मोघद्दाम ने कहा, "सार्वजनिक रूप से इस क्रूर सजा को फिर से शुरू करने का उद्देश्य लोगों को विरोध करने से डराना है."

तेहरान. ईरान के एक मानवाधिकार समूह के मुताबिक, पिछले हफ़्ते देश में 32 लोगों को मौत की सजा दी गई है. इनमें से बुधवार को तीन महिलाओं को मौत की सजा दी गई जिनमें से एक महिला का बाल विवाह हुआ था.मानवाधिकार समूह ने कहा कि सोहेला अब्दी की 15 साल की उम्र में शादी हो गई थी. 10 साल बाद उन्होंने अपने पति की जान ले ली. कोर्ट ने महिला को फांसी की सजा सुनाते हुए कहा था कि ये पारिवारिक झगड़े से ऊपर की बात है.

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि ईरान में इस साल बड़े स्तर पर मौत की सज़ा सुनाई गई है. ईरान में मौत की सजा का चलन बढ़ रहा है. पिछले साल के मुक़ाबले इस साल अब तक दोगुनी संख्या में मौत की सजा दी गई है.

अधिकार समूहों का कहना है कि ईरान में दूसरे देशों से ज़्यादा महिलाओं को ये सजा दी जाती है. इनमें अधिकतर महिलाएं पतियों की हत्या करने की दोषी पाई जाती हैं. इससे पहले भी ईरान में ऐसे मामले होते रहे है।ईरान में अपने पार्टनर को शादी के रिश्ते में धोखा देने के मामले में 51 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है. इन लोगों को पत्थरों से मार-मार कर मौत दी जाएगी. ईरान में मानवाधिकारों के हनन से जुड़े गुप्त दस्तावेजों के लीक होने के बाद चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इन लोगों को शरिया कानून के तहत सजा सुनाई गई है.द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 23 महिला और 28 पुरुष इस भयानक सजा का इंतजार कर रहे हैं. इनमें से कई तो ऐसे हैं जिनकी उम्र 20-30 साल के बीच है. ईरान एक इस्लामिक देश है.

यहां शरिया कानून के तहत अपराध की सजा दी जाती है. इस्लामी न्यायाधीश व्याभिचार के प्रति शून्य-सहनशीलता का रवैया अपनाते हैं. कुरान में व्याभिचार को एक गंभीर पाप माना जाता है. इस तरह की सजा में कई बार लंबे समय तक अपराधी अपने मरने का इंतजार करते हैं. कोई निश्चित तारीख न होने से उनमें हमेशा डर बना रहता है. उन्हें अपनी मौत की तारीख का सिर्फ तब पता चलता है जब जल्लाद उन्हें ले जाने के लिए आता है. मौत की सजा देने वालों में ईरान को सबसे आगे माना जाता है. प्रति व्यक्ति को फांसी की दर ईरान में सबसे ज्यादा है.

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