महंगाई पर लगेगा ब्रेक! दुनिया को भुखमरी से बचाने के लिए रूस-यूक्रेन में हुई डील

शायद रूस और यूक्रेन के युद्ध का अंत अब हो जाएगा. क्योंकि, पांच महीनों तक दोनों देशों के बीच कोई सहमति न बनने के बाद अब दोनों देश समझौता करने को तैयार हो गए हैं.
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रूस,यूक्रेन
यूक्रेन के अनाज की नाकाबंदी ने वैश्विक खाद्य संकट पैदा कर दिया है, जिसकी वजह से ब्रेड और पास्ता जैसे गेहूं आधारित उत्पाद अधिक महंगे हो गए हैं. कुकिंग ऑयल की कीमत भी बढ़ी है. हालांकि अब महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद है.

Russia Ukraine Deal - रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच पिछले पांच महीनों से लगातार जंग जारी है. यूक्रेन के अनाज की नाकाबंदी ने वैश्विक खाद्य संकट पैदा कर दिया है. हालांकि, अब ऐसा लग रहा है कि, अब शायद इस युद्ध का अंत हो जाएगा. दरअसल यूक्रेन और रूस ने 'मिरर' सौदों (Mirror Deals) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.

संयुक्त राष्ट्र के मध्यस्थता कराने के बाद दोनों देशों के बीच ब्लैक सी (काला सागर) से अनाज के निर्यात को बेरोकटक जारी रखने के लिए समझौता किया है. इस डील के तहत अब रूस यूक्रेन के बंदरगाहों से निकलने वाले अनाज भरे जहाजों पर किसी तरह की रोक नहीं लगाएगा. समझौते से लाखों टन अनाज निर्यात किया जा सकेगा, जो वर्तमान में युद्ध के कारण यूक्रेन में फंसा हुआ है.

ये समझौता कीव (Kyiv) को काला सागर (Black Sea) के माध्यम से अनाज (Grain) के निर्यात को फिर से शुरू करने की अनुमति देगा. इस डील होने के बाद अब दुनियाभर में बढ़ते खाद्य संकट के टलने की उम्मीद जग गई है. हालांकि, कीव ने मॉस्को (Moscow) के साथ सीधे समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है.

इस समझौते पर हुए हस्ताक्षर तुर्की के डोलमाबाचे पैलेस में हुए. हस्ताक्षर होने के समय संयुक्त राष्ट्र (UN) के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और तुर्की के राष्ट्रपति तैयब रजब अर्दोआन भी उपस्थित थे. दोनों पक्ष तुर्की (Turkey) इस्तांबुल (Istanbul) में हस्ताक्षर समारोह में शामिल हुए लेकिन एक ही टेबल पर नहीं बैठे.

रूस के रक्षा मंत्री (Defence Minister) सर्गेई शोइगु (Sergei Shoigu) ने पहले मॉस्को के समझौते पर हस्ताक्षर किए, उसके बाद यूक्रेन के बुनियादी ढांचे के मंत्री (Infrastructure Minister) ऑलेक्ज़ेंडर कुब्राकोव ने कीव (Kyiv) के समझौते पर हस्ताक्षर किए. बता दें कि रूस के 24 फरवरी के हमले के बाद से यूक्रेनी अनाज की दुनिया में कमी ने लाखों लोगों को भूख के खतरे में डाल दिया है.

गुटेरेस ने इस बैठक के बाद कहा कि 'समझौते के जरिए यूक्रेन से खाद्य सामग्रियों के निर्यात का रास्ता खुल गया है. इससे विकासशील देशों को खाद्य और आर्थिक संकट से निकाला जा सकता है. यह डील 120 दिनों तक चलने के लिए तैयार है. इस्तांबुल में एक समन्वय और निगरानी केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिसमें संयुक्त राष्ट्र (UN), तुर्की, रूसी और यूक्रेनी अधिकारी होंगे.

बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 से युद्ध शुरू हुआ था. जो अब के समझौते के बाद खत्म होता नज़र आ रहा है. इस युद्ध के खत्म होने से काफी कुछ बदलने वाला है. पांच महीनों से अन्य देशों को हो रहा नुकसान भी अब बंद हो जाएगा. दरअस यूक्रेन के अनाज की नाकाबंदी (Blockade) ने वैश्विक खाद्य संकट (Global Food Crisis) पैदा कर दिया है.

जिसकी वजह से ब्रेड और पास्ता जैसे गेहूं आधारित उत्पाद अधिक महंगे हो गए हैं, और खाना पकाने के तेल (Cooking Oils) और उर्वरक (Fertiliser) की कीमत (Price) भी बढ़ रही है. यूक्रेन आमतौर पर दुनिया का चौथा सबसे बड़ा अनाज निर्यातक है. यह आम तौर पर दुनिया के सूरजमुखी तेल का 42%, मक्का का 16% और गेहूं का 9% उत्पादन करता है.

खबरों की मानें तो, रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और यूक्रेन के बुनियादी ढांचा मंत्री ओलेक्संद्र कुब्राकोव ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतारेस और तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकार के साथ कई अलग-अलग समझौतों पर हस्ताक्षर किये है. हालांकि, फ़िलहाल चर्चा में सिर्फ अनाज के निर्यात वाला समझौता है.

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